बस्ती /28 अक्टूबर। एक्यूप्रेशर बहु उपयोगी चिकित्सा पद्धति जनसाधारण की एक समान धारणा है कि एक्युप्रेशर केवल दर्द या मोच का ही उपचार संभव है।यह केवल एक भ्रांति ही है। सत्यता तो यह है कि एक्यूप्रेशर द्वारा अनेक आपातकालीन एवं आकस्मिक रोगों का उपचार, शरीर पर प्रकृति द्वारा स्थापित कुछ मर्म बिंदुओं पर दबाव देकर कलर एवं लीड लगाकर किया जा सकता है अनेक शारीरिक व मानसिक रोगों के उपचार के अतिरिक्त असाध्य रोगों का उपचार संभव है यह उद्गार 28 अक्टूबर से 1 नवंबर तक मंडलीय स्तरीय आयोजित सी ए टी सी 156 कैंप का आयोजन श्री हंस लाल इंटर कॉलेज गणेशपुर में बस्ती में एक्यूप्रेशर योग प्राकृतिक चिकित्सा प्रशिक्षण आयोजित कार्यक्रम में विश्व संवाद परिषद योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर डॉ नवीन सिंह ने बताया कि आज के इस दौर में इमरजेंसी बिंदुओं को जानना बहुत ही आवश्यक है अगर हम इस मर्म बिंदुओं को जान लेते हैं तो हम किसी का भी उपचार करके उसकी जान बचा सकते हैं और स्वस्थ किया जा सकता है इस चिकित्सा पद्धति को सीखना तथा सीख कर इसके माध्यम से उपचार करना अपेक्षाकृत सरल है।

डॉ नवीन सिंह ने बताया कि इमरजेंसी बिंदुओं का महत्व हर जगह पड़ता है जैसे कोई बेहोश हो जाता है या किसी को मिर्गी आ जाती है या चक्कर आ जाता है तो आप तुरंत नाक के नीचे गड्ढा कान की लटकन एवं पैर के तलवों में दबाव देकर तुम ठीक कर सकते हैं। कान में मच्छर पानी या हवा प्रवेश नाक बंद हो जाना छीके के अत्यधिक आना, कार्य बस में यात्रा करते समय उल्टी और चक्कर आना, एकाएक आवाज बंद हो जाना अथवा सदमा लगना, कीड़े का काटना या डंक मारना, यात्रा से घबराहट, घुटन भूलने की आदत एकाग्रता की कमी ,समय पर याद ना आना, भूलना पाना, जैसी बीमारियों के बिंदुओं का उपयोग करके बिना किसी दवा बिना किसी इंजेक्शन बिना किसी खर्च के तथा बिना किसी साइड इफेक्ट के यह बिंदु पर उपचार देकर अन्य परिस्थितियों से भी निजात पाई जा सकती है। इन बिंदुओं को एनसीसी बच्चों को बच्चियों को सीखना बहुत ही आवश्यक है। इस शिविर में 500 बच्चों को प्रशिक्षण दिया गया।

इस एनसीसी प्रशिक्षण शिविर में कमांडेंट कर्नल विजय पांडे कमान अधिकारी एवं कैप्टन जितेंद्र कुमार शाही एक्यूप्रेशर थैरेपिस्ट उमेश कुमार,एनसीसी कैडेट्स, सैनिक अधिकारी, जेसीओ ,एनसीओ के अलावा सिविल अधिकारी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।