मऊ / चौरी-चौरा शताब्दी समारोह का आयोजन शहीद स्मारक कठघरा शंकर विकास खंड मधुबन में प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग, विभाग उत्तर प्रदेश सुरेश पासी की अध्यक्षता में संपन्न हुआ।

उक्त अवसर पर श्री पासी ,जिलाधिकारी अमित सिंह बंसल एवं पुलिस अधीक्षक घुले सुशील चंद्रभान द्वारा सर्वप्रथम सन 1942 ईस्वी में स्वतंत्रता प्राप्ति हेतु मधुबन में शहीद हुए श्री बनवारी यादव, श्री हनीफ दर्जी, श्री कुमार मांझी, श्री लक्षनपति कोइरी, श्री मुन्नी कुंवर, श्री राम नक्षत्र पांडे, श्री रघुनाथ भर, श्री राजदेव वाढू, श्री रमापति तिवारी, श्री सोमर गडेरी, श्री शिवघन हरिजन की स्मारक पर पुष्प अर्जित किया गया।

इसके उपरांत मंत्री जी सहित समस्त अधिकारी/कर्मचारी एवं स्कूल के बच्चों द्वारा शहीदों के लिए 2 मिनट का मौन व्रत रखा गया तथा शहीदों के परिजनों को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया एवं मंत्री जी द्वारा सीमा पर शहीद हुए स्वर्गीय अखिलेश ग्राम-कुचाई एवं स्वर्गीय जयराम यादव ग्राम-खजुहा के परिजनों को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया। उक्त अवसर पर मंत्री जी द्वारा बताया गया कि चौरी चौरा कांड 4 फरवरी 1922 को ब्रिटिश भारत में संयुक्त राज्य के गोरखपुर जिले के चौरी-चौरा में हुई थी, जब असहयोग आंदोलन में भाग लेने वाले प्रदर्शनकारियों का एक बड़ा समूह पुलिस के साथ भिड़ गया था। जवाबी कार्रवाई में प्रदर्शनकारियों ने हमला किया और एक पुलिस स्टेशन में आग लगा दी थी, जिससे उनके सभी कब्जेधारी मारे गए।इस घटना के कारण

तीन नागरिकों और 23 पुलिसकर्मियों की मौत हुई थी। महात्मा गांधी, जो हिंसा के सख्त खिलाफ थे उन्होंने ने इस घटना के प्रत्यक्ष परिणाम के रूप में 12 फरवरी 1922 को राष्ट्रीय स्तर पर असहयोग आंदोलन को रोक दिया। उन्होंने बताया कि अगर यह आंदोलन वापस नहीं लिया गया होता तो हिंदुस्तान 1922 में ही आजाद हो जाता। उक्त अवसर पर कॉलेज की बच्चियों द्वारा वंदना गीत , सांस्कृतिक कार्यकम तथा बच्चों द्वारा पुलवामा

हमले पर झांकी प्रस्तुत की गई। उक्त अवसर पर मंत्री जी द्वारा दिव्यांगों को ट्राई साइकिल एवं प्रधानमंत्री आवास योजना से लाभान्वित लाभार्थियों को स्वीकृति पत्र देने के साथ ही लोगों को केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी सभी विभागों द्वारा अपने-अपने विभाग से संबंधित योजनाओं का स्टाल लगाकर दी गई।