डॉ शशि कांत सुमन
पटना। पंचायत चुनाव के मद्देनजर दूसरे राज्यों से ईवीएम मंगाने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों को निर्देश जारी कर दिया है। आयोग ने इसके लिए समय सीमा भी तय कर दी है। जिलों के डीएम को निर्देश दिया गया है कि 10 जुलाई तक दूसरे राज्यों से ईवीएम मंगा लें। पंचायत चुनाव की तैयारी को लेकर आयोग ने शनिवार को सभी जिलों के डीएम के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। आयोग ने जिलों को चुनाव की तैयारी शुरू करने का निर्देश भी दिया।आयोग ने जिलों से कहा है कि चुनाव के मद्देनजर मतदानकर्मियों और सुरक्षाकर्मियों का आकलन कर आयोग को रिपोर्ट करें। आयोग के सचिव योगेंद्र राम ने कहा- जिलों को यह बताया गया है कि उन्हें किन राज्यों से ईवीएम मंगाना है। लगभग सभी राज्यों से ईवीएम मंगाई जानी है। सभी जिलों को बूथों के हिसाब से मतदानकर्मियों और सुरक्षाकर्मियों का आकलन करने का भी निर्देश दिया गया है। आयोग ने सभी डीएम को चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार रहने के लिए भी कहा है। हाल ही में कई पंचायत क्षेत्र नगर निकाय में शामिल किए गए हैं। उसे ध्यान में रखकर वोटरों और अन्य स्थिति पर अविलंब रिपोर्ट मांगी गई है। इसके अलावा मतदान सामग्री के बारे में भी दिशा-निर्देश दिया गया है।

हर बूथ के लिए 6 ईवीएम चाहिए होगी7 से 8 लाख ईवीएम की होगी जरूरत पंचायत चुनाव के लिए आयोग को सात से आठ लाख ईवीएम की आवश्यकता होगी। बिहार में पहली बार ईवीएम से पंचायत चुनाव कराने का निर्णय लिया गया है। ईवीएम को लेकर पिछले दिनों दिल्ली में केंद्रीय चुनाव आयोग और राज्य निर्वाचन आयोग के बीच बैठक हुई थी, जिसमें ईवीएम की उपलब्धता को लेकर सहमति बन गई है, लेकिन राज्य निर्वाचन आयोग को ईवीएम को दूसरे राज्यों से बिहार लाना होगा। ईवीएम की उपलब्धता के लिए 24 राज्यों के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी और 14 राज्यों के राज्य निर्वाचन आयोग को पहले ही पत्र लिखा जा चुका है। केंद्रीय चुनाव आयोग ने एम टू मॉडल की ईवीएम उपलब्ध कराने पर अपनी सहमति दी है।

छह पदों के लिए होना है चुनाव
पंचायताें में 6 पदों के लिए चुनाव होना है। इस हिसाब से एक बूथ पर 6 ईवीएम की आवश्यकता होगी। सितंबर-अक्टूबर में बिहार में पंचायत का चुनाव संभावित है। इसे ध्यान में रखकर ही दूसरे राज्यों से ईवीएम मंगाने की समय सीमा तय की गई है, ताकि उसी के अनुसार चुनाव का कार्यक्रम तय करने में दोबारा कोई अड़चन न आए। गौरतलब है कि केंद्रीय व राज्य निर्वाचन आयाेग के बीच ईवीएम काे लेकर फंसे पेच के कारण पंचायत चुनाव काे लेकर निर्णय लेने में देरी हुई। इससे बिहार में पंचायत चुनाव समय पर नहीं हो पाया।