डॉ शशि कांत सुमन
पटना। बिहार में कोरोना संक्रमण की वजह से बिगड़े हालात अब सुधरने लगे हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि बिहार में जल्द ही पंचायत चुनाव हो सकते हैं। बिहार के अधिकतर विभागों में सामान्य कामकाज होने लगा है। इसी बीच राज्य निर्वाचन आयोग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आयोग आगामी दो से तीन महीनों में पंचायत चुनाव करवा सकता है। चुनाव आयोग ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है। बाढ़ की आशंका के बीच आपदा प्रबंधन विभाग से समन्वय स्थापित करने की कवायद करते हुए पर्याप्त संख्या में ईवीएम जुटाने की तैयारी भी नए सिरे से शुरू कर दी गई है। सूत्रों के अनुसार राज्य निर्वाचन आयोग ने दूसरे राज्यों से एम-2 मॉडल की ईवीएम मंगाने का फैसला किया है। इसके अलावा आयोग के पास अपनी भी ईवीएम हैं। जरूरत को ध्यान में रखकर ही आयोग ईवीएम मंगाएगा। दूसरे राज्यों से ईवीएम उपलब्ध कराने के लिए पत्राचार किया जा रहा है। ऐसी संभावना है कि आयोग सितंबर में पंचायत चुनाव का कार्यक्रम जारी कर सकता है।
राज्य निर्वाचन आयोग एम-3 मॉडल ईवीएम से चुनाव कराना चाहता था लेकिन भारत निर्वाचन आयोग ने इसकी अनुमति नहीं दी। ऐसे में राज्य निर्वाचन आयोग ने एम-2 मॉडल से चुनाव कराने का निर्णय लिया है।
त्रिस्तरीय पंचायतों के 2.50 लाख पदों पर चुनाव आयोग को चुनाव कराना है। इसके लिए यदि एम-2 मॉडल ईवीएम से चुनाव होता है तो आयोग को एक लंबी प्रक्रिया से गुजरना होगा। इतना ही नहीं अब एम-2 मॉडल की ईवीएम से पंचायत चुनाव कराने के लिए 90 हजार कंट्रोल यूनिट और 90 हजार बैलेट यूनिट की जरूरत होगी।
चुनाव आयोग ने बाढ़ को ध्यान में रखते हुए तैयारी शुरू कर दी है। आयोग ने आपदा प्रबंधन विभाग को पत्र लिखा है। इसमें बाढ़ प्रभावित जिलों से लेकर प्रखंड और पंचायतों के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी गई है। यदि प्रदेश में सितंबर तक कोरोना की तीसरी लहर का कोई असर नहीं दिखता है तो आयोग की रणनीति दिसंबर तक चुनाव संपन्न कराने की है।