लखनऊ. इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के (74) वर्षीय सेवानिवृत्त जज धर्मवीर शर्मा का शुक्रवार को निधन हो गया. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने उनके निधन पर अपनी शोक संवेदनाएं प्रकट की हैं.
बता दें कि न्यायमूर्ति धर्मवीर शर्मा ने अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि विवाद पर 30 सितंबर, 2010 को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ की ओर से ऐतिहासिक फैसले में शामिल थे. बुलंदशहर में दानपुर नगर के हवेली परिवार में जन्मे धर्मवीर शर्मा के निधन की दुखद खबर मिलने के बाद उनके गांव और समाज में शोक की लहर दौड़ गई.धर्मवीर शर्मा ने 30 सितंबर, 2010 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की तीन सदस्यीय पीठ में रहते हुए राम मंदिर विवाद पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया था. फैसला सुनाने के अगले दिन ही वह सेवानिवृत्त हो गए थे. अविवाहित रहे धर्मवीर शर्मा छह भाई-बहनों में सबसे बड़े थे. गांव में उनका सदैव आना-जाना रहता था. सादा जीवन-उच्च विचार के सिद्धांत में विश्वास रखते थे. उनकी सादगी का बड़ा प्रमाण यह भी है कि इतने बड़े और सम्मानित पद पर रहने के बावजूद वह अपना भोजन स्वयं बनाते थे.
भगवान राम की जन्म स्थली
जस्टिस डीवी शर्मा ने पीठ के दो जजों से अपनी अलग राय देते हुए कहा था कि विवादित परिसर भगवान राम की जन्म स्थली है. इस स्थल पर मुगल शासक बाबर ने मंदिर को तोड़कर मस्जिद का निर्माण कराया था. परिसर में स्थित मस्जिद के परीक्षा के बाद यह बात साफ हो जाती है. इसलिए पूरा विवादित परिसर हिंदुओं को दिया जाए.