अब्दुल गफ्फार खान की रिपोर्ट,
ग्रामपंचायतों में गठन के बाद गावों में रोजगार के अवसर बढ़े।मनरेगा मजदूरों के चेहरों पर रौनक लौटी,
गोरखपुर (ब्रह्मपुर)
लाक डाउन की वजह से मनरेगा मजदूरों के समक्ष रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया था।इधर ग्रामपंचायतों के गठन तथा लाक डाउन खत्म होते ही गावों में रोजगार के अवसर मिलने शुरू हो गए है।ग्रामप्रधान भी धान की रोपाई के पहले सड़को पर मिट्टी का कार्य करा लेना चाह रहे हैं।क्योंकि धान की रोपनी हो जाने के बाद सितम्बर तक मिट्टी का कार्य नहीं हो सकता है।ग्रामपंचायत बैजुडीहा की ग्रामप्रधान नाहिदा खातून के पति साबिर अली अंसारी,जंगलरसुलपुर नम्बर एक के प्रधान उमेश यादव, रानापार की प्रधान सुमित्रा देवी के पति जयराम गांव की कच्ची सड़के जो जगह जगह गड्ढे में तब्दील हो चुकी थी उनका नए सिरे से मिट्टी डालकर सड़क को ठीक कराया जा रहा है। बैजुडीहा के मनरेगा मजदूर रामकेवल,सुमित, केशव,इब्राहिम,राजकुमार,
इश्तियाक, रामदवन आदि गांव में काम मिलने से काफी खुश है।