बस्ती, 16 जुलाई 2021

पहली जुलाई से विशेष संचारी संचारी रोग नियंत्रण माह व 12 जुलाई से दस्तक अभियान का संचालन किया जाना है। दस्तक अभियान में बुखार व आईएलआई (इंफ्लुएंजा लाइक इलनेस) वाले मरीजों की पहचान के साथ टीबी के लक्षण वाले संभावित मरीजों की भी पहचान की जाएगी। परिवार में अगर कोई कुपोषित बच्चा पाया जाता है तो उसको भी चिन्ह्ति कर उसे सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाया जाना है। यह बातें सीएमओ डॉ. अनूप कुमार श्रीवास्तव ने एएनएम प्रशिक्षण केंद्र में आयोजित एक तैयारी बैठक में कहीं।सीएमओ डॉ. श्रीवास्तव ने कहा कि कोविड के केस जरूर कम हुए हैं, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है। कम्युनिटी में दोबारा यह रोग न फैलने पाए इसके लिए सजग रहने की जरूरत है। इस बार के दस्तक अभियान में संभावित कोविड रोगियों की पहचान के लिए बुखार व आईएलआई वाले मरीजों की पहचान कर उनकी अनिवार्य रूप से जांच कराई जाएगी।

प्रभारी जिला क्षय रोग अधिकारी/जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. एफ हुसैन ने कहा कि भारत सरकार के दिशा-निर्देश के अनुसान 2025 तक देश से टीबी का खात्मा किया जाना है। इसके लिए टीबी रोगियों को खोजने का अभियान समय-समय पर चलाया जा रहा है। इस बार भी दस्तक में टीबी के रोगी खोजे जाने हैं। दस्तक अभियान के दौरान आशा कार्यकर्ता परिवार के लोगों से बात करेंगी। अगर किसी में टीबी का लक्षण मिलता है तो उसकी रिपोर्ट वह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पर करेंगी। उन्होंने बताया कि कोविड की रोकथाम के लिए इस समय व्यापक स्तर पर टीकाकरण कराया जा रहा है, इसके बावजूद सावधानी की जरूरत है। अगर किसी भी व्यक्ति में कोविड के लक्षण मिलते हैं तो उसकी जांच अवश्य कराएं।

जिला मलेरिया अधिकारी आईए अंसारी ने कहा कि पहली जुलाई से 30 जुलाई तक विशेष संचारी रोग नियंत्रण माह कार्यक्रम संचालित किया जाना है। इसमें स्वास्थ्य विभाग के साथ ही पंचायतीराज विभाग, शिक्षा विभाग, नगर विकास विभाग, पशुपालन विभाग, सिंचाई समेत कुल 11 आदि विभागों को शामिल किया गया है। गांवों में साफ-सफाई के साथ ही मच्छरों की रोकथाम के लिए एंटी लार्वा का छिड़काव कराया जाएगा। दूषित पानी देने वाले नलों को चिन्ह्ति करते हुए उन्हें ठीक कराया जाना है। जलभराव वाले स्थानों पर मच्छरों के पनपने को रोकने के साथ ही तालाब से जल कुंभी का सफाया कराना है। सुकर पालन वाले स्थानों पर दवा का छिड़काव के साथ ही पालकों को दूसरा व्यवसाय अपनाने के लिए प्रेरित करना है।

यूनीसेफ के मंडलीय अधिकारी मनोज श्रीवास्तव, डीएमसी आलोक राय, एईएस/जेई कंसल्टेंट रवींद्र कुमार, विश्व स्वास्थ्य संगठन के एसएमओ डॉ. स्नेहल परमार सहित सभी सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी (एमओआईसी) बैठक में शामिल रहे।