घर के एसी-कूलर में भी लगता है ब्लैक फंगस*

*कमजोर इम्‍यूनिटी वालों को बना सकता है शिकार*

*गोरखपुर;* कोरोना संक्रमितों को अब ब्‍लैक फंगस डरा रहा है। आमतौर पर यह माना जा रहा है कि यह फंगस अस्पतालों में मिलता है। यह पूरी तरह से सच नहीं है। यह फंगस अस्पतालों के साथ घर के एसी, कूलर और गंदगी वाली जगहों पर मौजूद है। यह फंगस सिर्फ कमजोर इम्‍यूनिटी वाले लोगों को अपना शिकार बना रहा है।ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. संतोष शंकर रे ने बताया कि इससे डरने की जरूरत नहीं हैं। इस फंगस से सावधान रहने की आवश्‍यकता है। घर की साफ-सफाई पर विशेष ध्‍यान देने की जरूरत है। कोरोना की तरह ब्‍लैक फंगस एक दूसरे के स्पर्श से नहीं फैलता है। यह फंगस पहले से ही हमारे बीच हवा, मिट्टी, एसी, गंदगी वाली जगहों में मौजूद है। इस फंगस से उन लोगों को अलर्ट रहना चाहिए, जिनकी इम्‍युनिटी काफी कमजोर है।

*समय से पता लग जाए तो इलाज संभव*

डॉ. रे ने बताया कि ब्‍लैक फंगस के कण हवा में उड़ रहे हैं। जो हमारे नाक में चले जाते है। नाक में कुछ ऐसे सेल होते है। जो इसे नष्‍ट कर देते हैं। जिन लोगों की इम्‍यूनिटी कम होती है। उनके नाक के सेल इन्‍हें नष्‍ट नहीं कर पाते। जिसके बाद यह फंगस शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। ऐसे में उन लोगों को ज्‍यादा खतरा होता है। जो शुगर का मरीज है। यदि समय रहते इसका पता लग जाए तो एंटी फंगस दवाओं से इसका इलाज संभव है।
 *बोले एक्सपर्ट;*
ब्‍लैक फंगस वातावरण में होता है। शरीर की इम्‍यूनिटी कमजोर होती है तो यह फंगस ज्‍यादा हॉवी होता है। ज्‍यादातर लोग घरों में ही कोरोना संक्रमण का इलाज करा रहे हैं। वह ऑक्‍सीजन का भी इस्‍तेमाल कर रहे। सही तरीके से पाइप की सफाई न होने की वजह से फंगस के सेल नाक में प्रवेश कर जाते हैं। जो कि मरीज के लिए घातक है। इसके इलाज में डॉक्‍टर के परामर्श की जरूरत होती है। डायबिटीज के मरीज दवा का सेवन बंद न करें। स्‍टेरायड डॉक्‍टर की सलाह पर बंद करें। समय से मरीज डॉक्‍टर के पास पहुंचे तो इस बीमारी से बचाया जा सकता है*डॉ. आदित्‍य पाठक, ईएनटी, बीआरडी मेडिकल कालेज*