*घर में ख़ुशी का माहौल*

🟥महाराजगंज सदर ब्लाक के अंतर्गत ग्राम सभा पड़ी खुर्द में स्थित मदरसा अहले सुन्नत फैजुल रसूल पकड़ी खुर्द की छात्रा अलीशा पुत्री शमशेर खान ने 5 साल की छोटी उम्र में कुरान शरीफ का नजारा शुरू किया है इस अवसर पर मदरसा टीचर मौलाना रमजान अमजद देने कहा कुरान अल्लाह ताला का कलम है हर मुसलमान के लिए कुरान की शिक्षा प्राप्त करना जरूरी हैकुरान हमारे धर्म इस्लाम की पवित्र किताब है, जिसे अल्लाह ने अपने आखरी पैगंबर हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर उतार कर आप के द्वारा लोगों तक पहुंचाया। इसीलिए इसे खुदा का कलाम (खुदा की वाणी) कहा जाता है। यह दुनिया की सर्वाधिक पढ़ी जाने वाली किताब है।
कुरान में कुल 114 अध्याय (सूरह) है, जो आयतों (श्लोकों) में बंटे हुए हैं। क्योंकि कुरान मक्का और मदीना में अवतरित हुआ इसलिए सभी आयतों को “मक्की” और “मदनी” में वर्गीकृत किया जा सकता है। इसमें 6666 (कुछ विद्वानों के अनुसार 6238) आयते है, जिसमें से 1000 से ज्यादा आयतें वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित है। इसके अलावा सभी सूराह को 30 सिपरों (जुज) में वर्गीकृत किया गया है ताकि कुरान को आसानी से 1 महीने में पूर्ण पढ़ा जा सके।
बेशक इस पवित्र किताब को खुदा की वाणी कहा जाता है, क्योंकि इसी संदेश के कारण, उन अरबी लोगों ने जिन्हें उस समय तक बरबर और असभ्य समझा जाता था, उस महान सभ्यता को खड़ा किया जिसके निशान कयामत के दिन तक मौजूद रहेंगे। कुरान अमीनो शांति का संदेश देता है उसके मानने वाले और उसको पढ़ने वाले शांति के प्रचारक होते हैं बच्ची के छोटी उम्र में कुरान शुरू करने पर उसके दादा निजामुद्दीन खान बड़े पिता शकील अहमद खान चचा महफुज़ खान और नाना सरफुद्दीन सिद्दीकी गुलामुद्दीन सिद्दीकी मदरसा टीचर सराजुद्दीन अली अंसारी मैडम आसमा खातून ने खुशी का इजहार करते हुए जावाल भविष्य के लिए ढेर सारी दवाएं दीं