🟥 उमानाथ यादव

रायबरेली –वैशाख का महीना हिंदू वर्ष का दूसरा माह होता है गोकर्ण पीठ गोकना घाट के वरिष्ठ पुजारी/पुरोहित पंडित जितेन्द्र द्विवेदी बताते हैं कि हिंदू धर्म में वैशाख का विशेष महत्व होता है पुराण के अनुसार त्रेता युग इसी माह से शुरू हुआ था, इसे वैशाखी अमावस्या के साथ-साथ सतुवाई अमावस्या भी कहते हैं। वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण इसी दिन विदेशों में पड़ रहा है जो कि भारत में अदृश्य है इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बनने से भी इस दिन का विशेष महत्व बढ़ जाता है वैशाखी अमावस्या को धर्म-कर्म ,पितरों के तर्पण आदि के लिए बेहद शुभ माना जाता है। जिन लोगों को कालसर्प दोष ,ग्रह दोष ,पित्र दोष, शनिदेव ,राहु, केतु,ग्रह आदि से पीड़ित होते हैं , वे लोग गंगा स्नान, सतुवा शक्कर दान , जप, तप,तर्पण , मत्स्य भोज ,कौवाभोज, पीपल के वृक्ष में तेल ,तिल ,जल, शक्कर, धूप, दीप नैवेद्य आदि अर्पण कर, पूजा पाठ आदि करके सुख समृद्धि शांति प्राप्त कर सकते हैं। इस दिन गुरुवार होने के कारण तेल साबुन आदि नहीं लगाना चाहिए, साथ ही तामसी पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए ,सतुवा शक्कर सभी को सेवन करना चाहिए।