🔴विनय कुमार गुप्ता की रिपोर्ट

रुद्रपुर देवरिया
होली के उत्साह और उमंग पर महंगाई डायन भारी पड़ गई। महंगाई पर रहनुमाओं की चुप्पी ने गरीबों की होली को फीकी बना दिया है। हिंदुओ के बड़े होली जैसे पर्व पर गरीब की झोपड़ी से महलो तक,होली की खुशियों में गोझिया, मालपुआ, जैसे तमाम पकवानों का दौर चलता, कई दिनों तक होली के मिलन के बीच लोग एक दूसरे के मुंह को मीठा कराते हैं और होली की बधाई देते हैं लेकिन वर्तमान दौर में महंगाई डायन छा गई है और हर गरीब की जेब को ढीली कर दिया है। बाजार में सूजी मैदा से लेकर रिफाइंड आयल वनस्पति तेल, और सरसों तेल सुखा मेवा नमकीन पापड़ मिठाइयों से लेकर इत्यादि सामानों के भाव बढ़ते जा रहे हैं। बाजारों में कालाबाजारी भी अपने पूरे शबाब पर है बड़े स्टॉकिस्ट ऊपर किसी तरह का दबाव नहीं है जब चाहे मनमाने तरीके से रेट बढ़ाकर बाजारों में सप्लाई करने में जुटे हैं जिनके ऊपर प्रशासन का किसी भी तरह का दबाव नहीं है जिला प्रशासन से लेकर प्रदेश सरकार चुनाव में पूरी तरह व्यस्त रही वर्तमान दौर में भी महंगाई पर लगाम लगाने की किसी तरह की दिलचस्पी दिखाई नहीं आलम इसी तरह रहा तो आने वाले कुछ ही दिनों बाद शादी विवाह के मौसम पर महंगाई और भी भारी पड़ेगी जिससे लोगों का बजट बिगड़ जाएगा। वही राजनीतिक गहमागहमी और सत्ता सिंहासन के बीच महंगाई जैसे मुद्दे पर भी सत्ता पक्ष के साथ साथ विपक्षी दल भी चुप्पी साध लिए है। जिससे आम गरीबों की होली जैसे त्यौहार भी फीकी पड़ गयी हैं।