*-तीन आरोपी हुए बरी,

*-एक को गैर इरादतन हत्या व एसएसी एसटी एक्ट में आजीवन कारावास की हुई सजा!*

👉 आपको बता दें कि हाथरस कांड में अदालत को रेप के सबूत नहीं मिले हैं।
अदालत ने तीन आरोपियों को बरी कर दिया जबकि एक आरोपी को गैर इरादतन हत्या व एसएसी एसटी एक्ट का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
बीती 14 सितंबर 2020 को हाथरस के चंदपा क्षेत्र में एक दलित युवती के साथ गैंगरेप का मामला सामने आया था। गैंगरेप के बाद इस युवती के साथ मारपीट का भी आरोप था।
इसी आरोप में युवती की जीभ भी कट गई थी। इस मामले में युवती के भाई ने संदीप के खिलाफ रेप का केस दर्ज कराया था। यह मामला तेजी से पूरे देश में वायरल हो गया था। इसके बाद पूरे देश में राजनैतिक हलचल मच गई थी।
इस मामले की सीबीआई जांच भी की गई थी। इसके उपरांत लवकुश सिंह, रामू व रवि को भी आरोपी बनाया था।
29 सितंबर को युवती की दिल्ली में मौत हो गई थी। 11 सितंबर को हाथरस कांड की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी।
सीबीआई ने इस मामले को 104 लोगों को गवाह बनाया था। गवाही के दौरान केवल 35 गवाहों की गवाही कराई गई थी।