संत कबीर नगर / प्री प्राइमरी शिक्षा के अंतर्गत ब्लॉक स्तरीय ECcE के अंतर्गत “हमारे आंगन हमारे बच्चे” की पहल के अंतर्गत स्कूल रेडिनेस की दूसरी कार्यशाला का आयोजन हीरालाल इंटर कॉलेज में किया गया।
इस योजना के अंतर्गत राज्य में पहले चरण में 90,000 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को प्रशिक्षित किया जा चुका हैं साथ ही 1,11,652 प्राथमिक शिक्षा विभाग के अध्यापकों को प्री प्राइमरी के लिए प्रशिक्षित किया जा चुका हैं।
जन प्रतिनिधि के रूप में प्रमिला वर्मा ब्लॉक प्रमुख उपस्थित रही।
खंड शिक्षा विभाग अधिकारी अनूप त्रिपाठी ने कहा की
पहली ECce की कार्यशाला में उद्देश्य की चर्चा की जा चुकी हैं। आज इस दूसरी कार्यशाला इसका उद्देश्य जन समुदाय को जोड़ना हैं इसलिए अभिभावकों को भी सम्मिलित किया गया हैं जिससे दोनो विभाग , आंगनवाड़ी और बेसिक शिक्षा विभाग अभिभावकों के साथ मिलकर लक्ष्य की गुणवत्तापूर्वक प्राप्ति कर सके। सरकार की तरफ से प्री प्रायमरी विभागो में बच्चो को भेजने एवं उन्हें सरकार की सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया जाएगा ।
बालविकास परियोजना अधिकारी श्री आर के त्रिपाठी ने बताया की बच्चें में जो झिझक हैं स्कूल आने को लेकर उसके डर से उसे बाहर निकालने के लिए हम सभी यहां इक्कठे हुए हैं
जैसे खेल खेलने से पहले शरीर को वॉर्म अप दिया जाता हैं उसी तरह आंगनवाड़ी का काम भी कुछ इसी तरह का हैं बच्चो को वॉर्म अप करके प्राइमरी के लिए तैयार करना हैं जिससे उनकी शिक्षा रूपी ट्रेन पटरी पर सही तरीके से चले।
और भाषा और गणित के प्रेरणा लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आसान एवम सुगम राह बनाई जाएं।
अकादमिक रिसोर्स पर्सन शरदेंदु पांडे जी ने बताया की इस कार्यक्रम का उद्देश्य अभिभावकों में प्री प्राइमरी की शिक्षा के लिए जागृति फैलाना हैं जिससे बच्चे पूर्ण रूप से दक्ष हो सके और उनमें कौशल का विकास हो सके। अक्षर एवं अंक दक्षता में निपुण बनाना इसका उद्देश्य हैं।
श्री राजेश पांडेय जी ने बताया की पूर्व प्राथमिक कक्षाओं को अपने साथ सामंजस्य बिठाना हैं। वो बच्चे जो हमारे विद्यालय में आयेंगे वो आंगनवाड़ी में उन्हें बाल वाटिका में उनका स्वागत कर उन्हे सिखाया जाएगा। अभिभावकों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को भी इसके तहत प्रशिक्षित किया जा सके।
ए आर पी अमरेश चौधरी ने बताया की एनबीटी की किताबे भी उपलब्ध कराई गई हैं। जिससे बच्चे कहानियों से अपने आपका जुड़ाव कर सके। कहानियां सब अहम भूमिका निभाते हैं। नोडल शिक्षक संकुल संध्या तिवारी जी ने बताया की बच्चो की बालवातिका में स्थिति को रोते हुए आए और हंसते हुए जाने से बदलकर हंसते हुए आने और रोते हुए जाने में बदलना हैं।
ए आरपी मनोज पांडे जी कार्यक्रम का सुगमता एवम सहजता पूर्वक संचालन किया एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को आनेवाली समस्याओं को सुना और उन्हें समाधान के लिए आश्वस्त किया । नोडल शिक्षक संकुल अनीता सिंह ने बताया की भाषा के ही मध्यम से संवाद के द्वारा बच्चो को समझा जा सकता हैं और उनकी जरूरत एवं आवश्यकताओं को समझा जा सकता हैं। बच्चों से उनके परिवेश की भाषा में ही बात की जाए तो और बेहतर परिणाम प्राप्त होगा।
करिश्मा सिंह,अपर्णा पांडे, रंजीता राय, ऊषा रानी, पूजा मधेशिया, मंदाकिनी, नेहा अग्रहरि, साधना चौधरी, दीपाली, विजय गौड़, विजय मौर्य, आलोक सिंह समेत 150 से ज्यादा शिक्षक एवं आंगनवाड़ी कार्यकरता उपस्थित रहे।