🟥गोरखपूर आज दिनांक -14.09.2022 को स्वावलम्बी इण्टर कॉलेज विशुनपुरा, गोरखपुर में हिंदी दिवस बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर छात्रों को हिन्दी भाषा के महत्व तथा हिंदी दिवस की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला गया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में वयोवृद्ध आचार्य श्रीधर मिश्र ने अपने उद्बोधन में बताया कि “हिंदी हमारी मातृभाषा है और जिस प्रकार से मां और मां का दूध हमारे विकास में सहायक है, उसी प्रकार से मातृभाषा सभी उन्नतियों का मूल है । 14 सितंबर 1949 को हिंदी भाषा को राजभाषा के रूप में स्वीकार किया गया तथा 1953 में वर्धा में आयोजित हिंदी सम्मेलन के अवसर पर 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाने का निर्णय लिया गया।
इस अवसर पर बोलते हुए हिन्दी विषय में आचार्य श्री सत्यम हलवाई ने कहा, कि “हिंदी बड़ी ही वैज्ञानिक भाषा है, इसमें हम जो बोलते हैं, वही लिखते हैं। इसमें हर संबंध के लिए अलग-अलग शब्द हैं। हिंदी के विकास में हिंदी- भाषियों का बड़ा भारी योगदान रहा है।”
हिन्दी प्रवक्ता श्री हरिशरण पति त्रिपाठी ने कहा कि , “गोपाल स्वामी आयंगर ने 12 सितंबर 1949 को हिंदी को राजभाषा के रूप में लागू करने के लिए संविधान सभा में प्रस्ताव रखा और बहस के बाद 14 सितंबर 1949 को हिंदी राजभाषा के रूप में स्वीकार की गई।”
सामाजिक विज्ञान विषय में अध्यापक श्री अनूप कुमार वर्मा ने कहा, कि गांधीजी हिन्दी के प्रबल समर्थक थे । आजादी के बाद बी.बी.सी. में इंटरव्यू देते समय उन्होंने कहा कि दुनिया को बता दो कि गांधी अंग्रेजी नहीं जानता।”
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य श्री उमेश चन्द्र पाण्डेय ने कहा, कि हिन्दी हमारे मन की भाषा है, यह मां के दूध के समान फलदाई है और रोजगार का साधन भी प्रदान करती है, अतः हम सबको हिन्दी भाषा को सही प्रकार से जानने और समझने का प्रयास करना चाहिए।
कार्यक्रम का संचालन पं. हरिशरण पति त्रिपाठी ने किया। कार्यक्रम के अन्त में विद्यालय परिवार के लिए पारस्परिक दिव्य भोजन “लिट्टी-चोखा-घी-गुड़” की व्यवस्था हुई, उक्त दिव्य भोजन में पाक क्रिया में कुशल पाकशास्त्री त्रयी हरिशरण पति त्रिपाठी जी, राजकुमार तिवारी जी एवं अनाध्रिवेश पाण्डेय जी की महनीय भूमिका रही, चोखा और गुड़-घी का दिव्य संयोजन तो अवर्णनीय ही का जा सकता है।
हिन्दी दिवस के भव्य आयोजन और दिव्य भोजन- कार्यक्रम की वास्तविक (सत्य) ‘रिपोर्टिंग’ श्री शशिबिन्दु नारायण मिश्र द्वारा की गयी।