वाराणसी अश्विनी कुमार चौहानवाराणसी। वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस को NEET परीक्षा में धांधली करने वाले सॉल्वर गैंग के मामले में बड़ी कामयाबी मिली है। सॉल्वर गैंग के सरगना PK उर्फ नीलेश सिंह का चेहरा अब बेनकाब हो गया है। इसकी तलाश में वाराणसी पुलिस ने रविवार की सुबह तक पटना और छपरा में दबिश दी।

वाराणसी पुलिस को दबिश के दौरान ही आरोपी PK की तस्वीर पहली बार हाथ लगी। पुलिस के अनुसार, PK पटना के पाटलिपुत्र स्थित बीएसएनएल एक्सचेंज ऑफिस के सामने रहता है। महंगी गाड़ियों का शौकीन PK अपनी कॉलोनी के लोगों को खुद को डॉक्टर बताता था। वहीं, बिहार के छपरा जिले के सेंधवा गांव स्थित PK के घर पुलिस गई तो पता लगा कि वहां उसने अपने करीबियों को खुद को बिजनेसमैन बता रखा थ।

PK के करीबियों से हुई पूछताछ में पता चला कि वह अपने परिवार के साथ कोलकाता भाग निकला है। उसने अपने सारे मोबाइल भी बंद कर रखे हैं। पुलिस का दावा है कि PK अब ज्यादा दिन तक बच नहीं पाएगा और वह हर हाल में जल्द ही पकड़ा जाएगा।

बता दें, NEET परीक्षा की मूल अभ्यर्थी हिना बिस्वास थी। हिना की जगह ही बीते 12 सितंबर को बीएचयू बीडीएस की छात्रा जूली कुमारी वाराणसी के सारनाथ स्थित स्कूल में NEET परीक्षा में बैठी थी। पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए त्रिपुरा पुलिस से संपर्क किया गया। बातचीत में वहां के उच्चाधिकारियों ने हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। आरोपी लड़की और उसके पिता की धरपकड़ के लिए पुलिस की एक टीम त्रिपुरा रवाना की गई है।

पुलिस द्वारा शनिवार को गिरफ्तार किए गए सॉल्वर गैंग के सदस्य विकास कुमार महतो और राजू कुमार ने चौंकाने वाली जानकारियां दी। दोनों ने बताया कि उनका गिरोह अभ्यर्थियों के मूल शैक्षणिक प्रमाण पत्र और एडमिट कार्ड मंगवाने के लिए हमेशा एयर कूरियर सर्विस का इस्तेमाल करता था। इससे यह फायदा होता था कि कूरियर कंपनी का डिलिवरी ब्वॉय कभी उनके ठिकाने तक नहीं आ पाता था। जब भी कूरियर आता था वह एयरपोर्ट जाकर उसे खुद ही ले लेते थे