🔴बस्ती , 11 जुलाई-2022 । विश्व जनसंख्या दिवस सोमवार को परिवार नियोजन परामर्श दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर जिला अस्पताल समेत सभी प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, स्वास्थ्य उप केन्द्रों और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर परिवार को सीमित रखने और दो बच्चों के जन्म में पर्याप्त अंतर रखने के बारे में दम्पति को जागरूक किया गया। इसके अलावा गांव में जनजागरूकता रैली निकालकर समुदाय को छोटे परिवार के बड़े फायदे के बारे में संदेश दिया गया। स्टॉल लगाकर भी लोगों को परिवार नियोजन के साधनों के बारे में जानकारी दी गई, और इन्हें अपनाने के लिए प्रेरित किया गया।
डॉ. जय सिंह, प्रभारी मुख्य चिकित्साधिकारी ने कहा कि परिवार की खुशहाली, शिक्षा, स्वास्थ्य और तरक्की तभी संभव है, जब परिवार सीमित होगा। विकास के उपलब्ध संसाधनों का समुचित वितरण और बढ़ती जनसंख्या दर के बीच संतुलन कायम करने के उद्देश्य से आज सबसे अधिक जरूरत जनसंख्या स्थिरीकरण की है। परिवार को सीमित रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास बास्केट ऑफ़ च्वाइस का विकल्प मौजूद है, जिसमें स्थायी और अस्थायी साधनों को शामिल किया गया है। इन अस्थायी साधनों में से अपनी पसंद का साधन चुनकर शादी के दो साल बाद ही बच्चे के जन्म की योजना बना सकते हैं। दो बच्चों के जन्म में कम से कम तीन साल का अंतर भी रख सकते हैं। दो बच्चों के जन्म में पर्याप्त अंतर रखना मां और बच्चे दोनों की बेहतर सेहत के लिए बहुत जरूरी है। जब परिवार पूरा हो जाए तो स्थायी साधन के रूप में नसबंदी का विकल्प चुन सकते हैं ।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. सीके वर्मा ने कहा कि जनपद में मिशन परिवार विकास की गतिविधियां सास बेटा बहू सम्मेलन का आयोजन भी किया जा रहा है। जनसंख्या पखवाड़े के माध्यम से समुदाय में परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता लाने के लिए फ्रंट लाइन कार्यकर्ताओं के माध्यम से दो चरणों में परिवार नियोजन पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इसके पहले चरण में 27 जून से 10 जुलाई तक दम्पति सम्पर्क पखवाड़ा मनाया गया, जिसके तहत लक्षित दम्पति को चिन्हित कर परिवार नियोजन साधनों को अपनाने के प्रति प्रेरित किया गया। अगला चरण जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा आज से शुरू हो रहा है जो 24 जुलाई तक चलेगा । इसके तहत लक्षित दम्पति को सेवा प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन के बारे में किशोर-किशोरियों को भी जागरूक करने की जरूरत है ताकि भविष्य में वह सही समय पर सही कदम उठाने के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर सकें।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों को भी जिम्मेदारी समझनी चाहिए | छोटा परिवार सुखी परिवार की अवधारणा बिना पुरुष के अधूरी है।