ट्रिपल ड्रग थेरेपी (आई॰डी॰ए॰) अभियान को जनांदोलन बनाने की तैयारी में स्वास्थ्य विभाग

10 से 28 फरवरी तक 38 लाख लोगों को घर-घर जाकर फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाएगी आशा

• स्वास्थ्य संबंधित किसी भी राष्ट्रीय कार्यक्रम को सफल बनाने में मीडिया की अहम भूमिका : सीएमओ
• फाइलेरिया रोधी दवा सभी लक्षित व्यक्ति खाएंगे तभी फाइलेरिया से जीत संभव : सीएमओ
• आई॰डी॰ए॰ अभियान का हर कार्य जिलाधिकारी की निगरानी में चल रहा : एसीएमओ
• फाइलेरिया से लड़ने की तैयारियां पूरी, सहयोगी संस्थाओं से भी मिल रहा सहयोग : डीएमओ

🛑प्रयागराज 8 फरवरी 2024: राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जनपद के 13 निर्धारित ब्लॉक में 10 फरवरी से 28 फरवरी तक ट्रिपल ड्रग थेरेपी (आई॰डी॰ए॰) अभियान चलाया जाएगा।

अभियान को जनांदोलन बनाने के उद्देश्य से गुरुवार को सीएमओ सभागार में मीडिया संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशु पांडे ने फाइलेरिया उन्मूलन में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका बतायी।

उन्होने कहा कि “फाइलेरिया या स्वास्थ्य संबंधित किसी भी कार्यक्रम को सफल बनाने में मीडिया की अहम भूमिका होती है। इस कार्यशाला का उद्देश्य फाइलेरिया की गंभीरता पर विस्तृत चर्चा करते हुए उसके उन्मूलन में मीडिया का अपेक्षित सहयोग प्राप्त करना है।“

मीडिया से वार्ता में उन्होने कहा कि “फाइलेरिया क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होने वाली एक गंभीर संक्रामक बीमारी है, जिसे हाथी पांव भी कहा जाता है। यह दुनिया में दूसरे नंबर की ऐसी बीमारी है जो बड़े पैमाने पर लोगों को विकलांग बना रही है। यह जान तो नहीं लेती है,

लेकिन जिंदा आदमी को मृत के समान बना देती है। इस बीमारी से बचना है तो दवा ही एक मात्र विकल्प है। इसलिए फाइलेरिया की गंभीरता को मीडिया के माध्यम से जन-समुदाय में अधिक से अधिक प्रचारित किया जाए। जिससे लोग इस बीमारी की गंभीरता को समझ सकें और अभियान के दौरान सभी लक्षित व्यक्ति फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन करें। अभियान के दौरान आशा और आंगनबाड़ी कार्यकत्री घर-घर जाकर लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन अपने सामने कराएंगी। दवा खिलाने के तुरंत बाद उंगली पर निशान भी बनाया जाएगा, ताकि सभी तक दवा का सेवन सुनिश्चित किया जाए।

दवा सेवन के लिए आंगनबाड़ी, स्वास्थ्य केंद्र, स्कूल, सरकारी एवं प्राइवेट कार्यालयों, एवं कार्यक्रम स्थलों पर भी बूथ लगाकर उपस्थित लोगों को दवाई खिलाई जाएगी। साल में एक बार दो वर्ष तक फाइलेरिया रोधी दवा सभी लोग खाएंगे तभी फाइलेरिया से जीतना संभव है।“

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ परवेज़ अख्तर ने कहा कि ” यह अभियान जिलाधिकारी की निगरानी में चल रहा है। फाइलेरिया से लड़ाई सभी 13 ब्लॉक में रह रहे लोगों को संगठित होकर लड़नी होगी। इसके लिए क्षेत्र के लोगों से यह अपील है की वह अपने क्षेत्र में आशा कार्यकर्ता का सहयोग करें। अभियान के दौरान जब वह आपके घर आएँ तो हर घर का मुखिया फाइलेरिया की दवा खुद भी खाए और अपने परिवार को दवा खाने के लिए प्रेरित करें।“

कार्यक्रम का संचालन कर रहे जिला मलेरिया अधिकारी आनंद सिंह ने बताया कि “जनपद के 8 ब्लॉक शहरी (आबादी 30 लाख) फाइलेरिया उन्मूलन की ओर अग्रसर हैं। वहीं फाइलेरिया प्रभावित जनपद के 13 ब्लॉक धनुपुर, हंडिया, कोटवा, कोरांव, प्रतापपुर, रामनगर, सैदाबाद, बहरिया, होलागढ़, कौडिहार, कौंधियारा, मेजा व सोरांव को भी फाइलेरिया उन्मूलन की ओर ले जाना है। इसके लिए 13 ब्लॉक की 38 लाख आबादी को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है।

⭕फाइलेरिया से लड़ने की तैयारियां पूरी

आनंद सिंह ने बताया कि “अभियान को सफल बनाने के लिए जिला अधिकारी की निगरानी में जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक व टास्क फोर्स की बैठक सम्पन्न हो चुकी है।

वहीं ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर, पर्यवेक्षक, बीसीपीएम, डाटा इंट्री ऑपरेटर, पर्यवेक्षक व प्रभारी चिकित्साधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया है। ब्लॉक स्तर पर 27 रैपिड रिस्पांस व दवा सेवन हेतु 3044 अन्य टीम लगाई गई है। फाइलेरिया रोधी दवा खिलाने के लिए 6088 ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर (आशा,आंगनबाड़ी कार्यकत्री, स्वयं सेवी समूह) व 609 पर्यवेक्षक (एएनएम, एलएचवी,बीएचडबल्यू, बीपीएम, आशा संगिनी) को लगाया गया है।

लक्षित आबादी के अनुसार शासन से आइवेर्मेक्टिन 95,52000 टैबलेट , डीईसी 95,25000 टैबलेट व एल्बेण्डाज़ोल की 38,00000 टैबलेट हमें प्राप्त हुई है जिसे सभी ब्लॉक को भेजा जा चुका है।

🛑जनजागरूकता में सहयोगी संस्थाओं की भूमिका अहम

जिला मलेरिया अधिकारी आनंद सिंह ने कहा कि “जनपद में 1292 फाइलेरिया लिम्फोडिमा व 926 हाइड्रोसील के मरीज हैं। फाइलेरिया उन्मूलन के लिए सहयोगी संस्थाओं से भी सहयोग लिया जा रहा है। सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) ने सैदाबाद व कौंधियारा ब्लॉक में फाइलेरिया मरीजों का “पेशेंट्स स्टेक होल्डर सपोर्ट ग्रुप” बनाया गया है।

जिसमें गाँव के स्टेक होल्डर (प्रधान, कोटेदार, समूह सखी, वालांटियर) व ब्लॉक के स्वास्थ्यकर्मी फाइलेरिया मरीजों को साथ लेकर गाँव एवं स्कूलों में सामुदायिक बैठक कर रहे हैं। बैठक में मरीज अपनी आपबीती लोगों को सुनाकर जनसमुदाय को जागरूक कर रहे हैं। साथ ही पाथ संस्था अभियान में तकनीकी सहायता प्रदान कर रही है। वहीं पी॰सी॰आई॰ सभी ब्लॉक में निरीक्षण कर समुदाय में ऐसे वर्ग को जागरूक कर दवा खाने के लिए प्रेरित कर रही है जो किसी फैक्ट्री, ईंट भट्ठों पर कार्य कर रहे हैं। इन्होने 150 अभी तक से अधिक इंटर कालेज में छात्रों को फाइलेरिया का प्रशिक्षण दिया है। वहीं पीसीआई पंचायत व निकाय प्रतिनिधियो, सरकारी व गैर सरकारी विभागों, सामाजिक संगठनों और स्वयंसेवी संगठन, कोटेदार की मदद से बड़ी आबादी को दवा खिलाने के लिए जागरूकता बढ़ाने को लेकर काम कर रही हैं।

🟠पूरी तरह सुरक्षित है दवा

पाथ के डॉक्टर शाश्वत त्रिपाठी ने बताया कि “फाइलेरिया रोधी दवाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं। इन दवाओं का कोई विपरीत प्रभाव नहीं है, फिर भी किसी को दवा खाने के बाद उल्टी, चक्कर, खुजली या जी मिचलाने जैसे लक्षण होते हैं तो यह इस बात का प्रतीक है की उस व्यक्ति के शरीर में फाइलेरिया के परजीवी मौजूद हैं।

ऐसे किसी भी लक्षण से घबराएं नहीं क्योंकि यह लक्षण कुछ समय के बाद स्वतः ठीक हो जाते हैं। इस दवा का सेवन दो वर्ष से कम उम्र के बच्चे, गंभीर बीमारी से ग्रसित व्यक्ति और गर्भवती को यह दवा नहीं खानी है। इस दवा का सेवन खाली पेट नहीं करना है।

मीडिया संवेदीकरण कार्यशाला में डिप्टी सीएमओ रावेन्द्र सिंह, एसीएमओ तरुण पाठक, एसीएमओ आरसी पाण्डेय, डॉक्टर आरके श्रीवास्तव, डीसीपीएम अशफाक अहमद एवं अभियान में सहयोग कर रही संस्था पाथ, पीसीआई, सीफार के जिला प्रतिनिधि व जिला मलेरिया विभाग के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।