🟥मगहर संत कबीर नगर।आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के जन्म दिवस के मौके पर लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कालेज गोंडा के विद्वतजनों द्वारा बुधवार को साहित्य की लोकमंगल यात्रा निकाली गई।यात्रा कबीर निर्वाण से चल कर आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के जन्मभूमि होते हुए तुलसीदास के जन्मभूमि पर पहुंच कर समापन होगा।यात्रा की शुरुआत के पूर्व ताना बाना हाल में संगोष्ठी का आयोजन किया गया।जिसके

 

 

मुख्य अतिथि प्रो गंगा प्रसाद शर्मा गुणशेखर और कार्यक्रम का सफल संचालन डा जयशंकर तिवारी ने किया
संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए प्रो गंगा प्रसाद शर्मा गुणशेखर ने साहित्य के लोकमंगल यात्रा के परिप्रेक्ष्य में ‘कबीर के राम’ विषयक पर संगोष्ठी में कहा कि कबीर के ‘राम’ ..की अपेक्षा तुलसी के राम में प्रभु और प्रभुता दोनों है। दोनों का स्वरूप अन्ततः एक है।कबीर निराकार निर्गुण के उपासक थे।जबकि तुलसीदास सगुन और साकार ब्रह्म को मानते थे।इस तरह से देखा जाय तो कबीर और तुलसी दोनों के राम एक हैं।लेकिन उन्हें समझने और जानने का तरीका अलग अलग है।उन्होंने कहा कि कबीर ने निरंकार ब्रह्म को अपनाने और उन्हें पूजने की बात कही थी। तुलसीदास ने साकार ब्रह्म को बताने के लिए रामायण की रचना कर डाली। अध्यक्षीय सम्बोधन में डा सूर्यपाल सिंह जी ने कहा कि तुलसी में समन्वय की अद्भुत क्षमता थी। निराकार का प्रत्यय काफी बड़ा है जिसमें धरती के सभी सगुण स्वरूप समाहित हैं। कबीर कहते हैं नदिया एक घाट बहुतेर्।वही बात तुलसीदास कहते हैं सगुनहिं अगुनहिं नहिं कछु भेदा।निर्गुण को रूप देना कठिन है इसीलिए कबीर ने बार- बार अपने दूसरे ‘राम’ का बोध कराया। कार्यक्रम के मुख्य मंचासीनों में प्रो गंगाप्रसाद पाठक,साहित्य भूषण शिवा कांत मिश्र ‘विद्रोही’,कार्यक्रम समन्वयक डा जितेंद्र सिंह,साहित्य भूषण सतीश आर्य आदि ने संगोष्ठी में विचार रखे।शोध यात्रा के निदेशक प्रो शैलेन्द्र शून्यम् ने बताया कि साहित्य के लोकमंगल यात्रा कबीर निर्वाण स्थली से चल कर बस्ती जनपद में आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के जन्मभूमि अगौना होते हुए तुलसीदास का जन्मस्थान गोंडा जनपद के सूकरखेत तक 150 किमी पूरी करेगी। संगोष्ठी का समापन राष्ट्रगान और ‘भारत माता की जय’ जैसे उद्घोषों के साथ हुआ। इस दौरान प्रो वीपी सिंह, शैलेन्द्र नाथ मिश्रा,अश्वनी तिवारी,प्रो मंजुल भरत,डा ओंकार पाठक,डा सतीश तिवारी,डा ओपी यादव,डा संतोष श्रीवास्तव,पुष्यमित्र मिश्रा, नीरज पाण्डेय बहराइच,राम समुझ सिंह आदि लोग मौजूद रहे।