✍️सुहेल अहमद की रिपोर्ट

🟠संत कबीर नगर / सेमरियावां एक तरफ़ जहाँ प्रदेश सरकार नारी सुरक्षा के लिए बड़े बड़े दावे कर रही है तो वही सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सेमरियावां में नारी सुरक्षा का यह स्लोगन दम तोड़ता  नज़र आ रह है। गौरतलब है कि सूत्रों की माने तो शाम होते ही सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सेमरियावां परिसर मनचलों का अड्डा बन जाता है महिलाये डरी और सहमी हुई नज़र आती है चाहे वह मरीज़ हो या परिसर में निवास कर रही महिला स्वास्थ्य कर्मी सभी को शाम होते ही अपनी इज्जत का डर सताने लगता है बताते है की स्थानीय नेताओं के संरक्षण प्राप्त मनचले शाम होते ही संदिग्ध परिस्थितियों में अस्पताल परिसर में चक्कर लगाना शुरू कर देते है जो देर रात्रि तक संदिग्ध हालत में घूमते हुए नज़र आते है साथ ही में शाम ढलते  नशेड़ीओ का भी जमावड़ा ब्लॉक कैंपस से लेकर स्वास्थ्य केंद्र तक रहता है। दिलचस्प बात यह आखिर अस्पताल प्रशासन चुप्पी क्यों साधे हुए है कही इस खेल में वह भी शामिल तो नहीं है? आखिर इस गम्भीर विषय को अब तक उच्च-अधिकारियों को अवगत क्यों नहीं कराया गया? अस्पताल प्रशासन की पोल तब खुली जब एक स्थानीय कथित समाजसेवी बीते शुक्रवार को रात्रि 11 बजे संदिग्ध हालत में अस्पताल परिसर में प्रवेश करता है और एक महिला स्वास्थ्यकर्मी के कमरे की तरफ़ बढ़ता है तभी वहा मौजूद एम्बुलेंस कर्मियों की नज़र उस संदिग्ध व्यक्ति पर पड़ती है जो उक्त व्यक्ति एक महिला स्वास्थ कर्मी के कमरे के अन्दर जा रहा है जिसके बाद दरवाज़ा बन्द कर दिया जाता है एम्बुलेंस कर्मी उक्त व्यक्ति का बाहर निकलने का इंतज़ार करते है घंटों बीत जाने के बाद जैसे कमरे से बाहर निकलता है वहां मौजूद एम्बुलेंस कर्मी उक्त समाज़ सेवी को रंगे हाथ पकड़ लेते है और महिला स्वास्थ्य कर्मी के कमरे में देर रात्रि घंटों रहने के सम्बंध में पूछताछ करते है तो वह अपनी राजनीतिक पहुँच का हवाला देकर देख लेने की धमकी देता हुआ नज़र आता है जब तक पुलिस प्रशासन को सूचना देने की बात कही जाती है तभी मुह बोला समाज़ सेवी चकमा देकर फ़रार हो जाता है यही नहीं मौके पर कुछ लोगों ने इसका वीडियो भी बनाया है। इस घटना को लेकर क्षेत्र में चर्चाओं का बाज़ार काफी गर्म है बताया जाता उक्त मुंहबोला समाज़सेवी अस्पताल का चहेता माना जाता है अस्पताल में वही होता है जो वह चाहता है जिनको जिले के स्वास्थ्य विभाग के उच्च पदस्थ अधिकारीयो का भी संरक्षण प्राप्त है वही अस्पताल कर्मचारियों में इस घटना को लेकर् भारी रोष व्याप्त है। देखना यह है अस्पताल प्रशासन उक्त समाज सेवी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही कराने में सफ़ल हो पाते है या राजनीतिक पहुँच के दम पर प्रकरण को ठंढ़े बस्ते में डाल दिया जाएगा ।