*शिविर के अनुभवों को जीवन में उतारना ही सच्चे मायनों में शिविर की सार्थकता होगी – डॉ विनीता सिंह*

*अच्छी संगति ही विद्यार्थी के सफल जीवन का आधार है – डॉ आशीष सिंह*

*सेवा, सयंम और अनुशासन ही सफलता का मूल मंत्र है – डॉ त्रिभुवन नाथ*

*जीवन में सफल होने के लिए अनुशासन और विनम्रता आवश्यक – सुभाष मौर्य*

🟥मिर्जापुर आज राजीव गांधी दक्षिणी परिसर, बरकछा के राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई 011 (अ) एवं 011 (ब) द्वारा सात दिवसीय विशेष शिविर का भव्य समापन हुवा।
समारोह का शुरुवात अतिथिगण प्रो० (डॉ) आशीष सिंह व सरपंच सुभाष मौर्य के द्वारा महामना मदन मोहन मालवीय जी के मूर्ती पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वल्लन कर किया गया। इस दौरान स्वयं सेवकों ने संगीतमय कुलगीत प्रस्तुत कर सभी को हर्षित कर दिया।
द्वितीय सत्र में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के स्वयं सेवकों ने महिला सशक्तीकरण की समस्याओं को चार्ट के माध्यम से प्रस्तुत कर विश्लेषित किया। समापन के क्रम में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा विभिन्न प्रतियोगिताओं का परिणाम घोषित किया गया। इस दौरान स्वयं सेवकों ने शिविर के अनुभवों को साझा करते हुवे बीते सात दिनों के अनुभव को जीवन का अमूल्य धरोहर बताया।
स्वयं सेवकों को संबोधित करते हुए *प्रो (डॉ) आशीष सिंह* ने कहा कि, विद्यार्थियों को स्व अनुशासन के साथ अपने निर्धारित सपने को प्राप्त करने की बात कही उन्होंने बताया विद्यार्थी को अपने परिवेश एवं संगति से बहुत कुछ सीखने को मिलता है अच्छी संगति से विद्यार्थी का जीवन सफल होता है।
*सरपंच सुभाष मौर्य* ने स्वयं सेवकों को उद्बोधित करते हुए कहा कि, जीवन में सफल होने के लिए अनुशासन और विनम्रता आवश्यक है, विद्यार्थी जीवन को एक के उद्देश्य से जीना ही सच्ची सफलता है।
कार्यक्रम का संचालन *डॉ त्रिभुवन नाथ* ने किया। साथ ही उन्होंने कहा कि शिविर के दौरान स्वयं सेवकों का सेवा, सयंम और अनुशासन सराहनीय रहा है, इसके लिए सभी स्वयं सेवक बधाई के पात्र हैं।
धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कार्यक्रम पदाधिकारी *डॉ विनीता सिंह* ने कहा कि, स्वयं सेवकों को शिविर के अनुभवों को जीवन में उतारना चाहिए, यही सच्चे मायनों में शिविर की सार्थकता होगी।
राष्ट्रीय सेवा योजना ( NSS) कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ० विनीता सिंह व डॉ० त्रिभुवन नाथ के निर्देशन में कार्यक्रम संपन्न हुआ।