🟥वाराणसी
श्रीमद्भागवत कथा की सार्थकता तब ही सिद्ध होती है जब इसे हम अपने जीवन व व्यवहार में धारण कर निरंतर हरि स्मरण करते हैं। अपने जीवन को आनंदमय, मंगलमय बनाकर अपना आत्म कल्याण करें। अन्यथा यह कथा केवल मनोरंजन, कानों के रस तक ही सीमित रह जाएगी। भागवत कथा से मन का शुद्धिकरण होता है। इससे संशय दूर होता है और शांति व मुक्ति मिलती है।स्वर्गीय अवधनारायण चौबे एवम स्वर्गीय शकुंतला देवी के स्मृति में नरपतपुर गांव में मंगलवार से शुरू हो रहे सात दिवसीय कथा परम पूज्य श्री मनीष कृष्ण शास्त्री के मुखार बिंदु से प्रारंभ हो रहा हैं।पूजन में दैनिक यजमान पंडित उमाशंकर चौबे सपरिवार सहित अन्य भक्त भगवान के कथा का रसपान करेंगे।