बदायूं प्रभारी/ विवेक गुप्ता की रिपोर्ट-

जनपद बदायूं के कस्वा सहसवान- निवासी बाबू कुरेशी अपने बेटों के साथ मुंबई के नल बाजार में रहकर वहां अपना हसी खुशी से फल फ्रूट का व्यापार कर रहे थे। वही बाबू का भतीजा भी फ्रूट का काम करता था। जानकारी देते हुए लोगों ने बताया मृतक बाबू का भतीजा दो साल से किसी केस में तिहाड़ जेल दिल्ली में बंद था। जो कि अभी कुछ ही दिन पहले तिहाड़ जेल से छूटकर मुंबई पहुंचा था। वहां पर उसने देखा की जहां वो फ्रूट का ठिया लगाता था वहां पर उसके चाचा और चचेरा भाई लगाए हुए हैं इसी को लेकर चाचा भतीजे मैं रात को कुछ कहासुनी हो गई थी फिर अगले दिन सुबह जैसे ही चाचा अपने ठिये पर पहुंचे वही पर उनका भतीजा भी पहुंच गया। और उसने चाकू निकालकर आनन-फानन में चाचा को चाकुओं से गोद दिया बचाव में बाबू का बेटा भूरा भी आ गया उसने उसे भी नहीं बख्शा उस पर भी जानलेवा हमला कर दिया वह भी अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहा है।जिस वक्त वह अपने चाचा और भतीजे पर हमला कर रहा था उस समय लोगों की भीड़ दूर से तमाशा देखती रही किसी ने बचाने की हिम्मत नहीं जुटाई। उसके बाद कातिल वहां से फरार हो गया। सूचना मिलते ही तत्काल पुलिस घटनास्थल पर पहुंच गई और आनन-फानन में उन्हें हॉस्पिटल लेकर पहुंचीं जहां बाबू की मौत हो गई और उनका बेटा अभी अस्पताल में भर्ती है जैसे ही सहसवान में उनके परिवार वालों को इसकी खबर मिली घर में कोहराम मच गया। क्यों कि बाबू का सारा परिवार सहसवान के मोहल्ला नसरुल्लागंज में रहता है। परिवार के लोगों ने बाबू के शव को सहसवान लाने का फैसला किया आज जैसे ही बाबू की डेथ बॉडी सहसवान पहुंची तो लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। मौके पर खड़ी भीड़ में सभी लोग यही कहते नजर आए की आज के समय चक्र में अपनों का ही भरोसा नहीं रहा है। रुपए की खातिर कोई भी किसी की जान ले लेता है ऐसा घृणित कृत्य करके उसने चाचा भतीजा के रिश्ते को ही कलंकित कर दिया। जिसके चलते इस प्रकार की घटना को लेकर लोगों में रोष व्याप्त है।