🟥देवरिया
सनातन परंपरा के साथ सभी धर्मो के अनुयायिओं में दान व सत्कर्म जा स्थान सर्वोपरि है।
सनातन परम्परा में दान के स्वरूप की श्रृंखला में एक है तुलादान,,,।
पुराने लोगो की समाप्त हो रही पीढ़ी के साथ तुलादान की परम्परा का निर्वहन भी कम होता दिख रहा है।
आज के परिवेश में देवरिया जनपद के रुद्रपुर क्षेत्र के कोरवा ग्राम निवासी शांति प्रसन्न देव शर्मा ने अपनी माता 96 वर्षीय चमेली देवी पत्नी स्व0 नागेन्द्र शर्मा गांव के ब्रम्ह स्थान पर पारम्परिक तुलादान का आयोजन गांव के सम्भ्रांतजनो, रिश्तेदारों पुरोहितों की उपस्थिति में किया।
चमेली देवी को विशेष लकड़ी से बनी तुला पर बैठा कर अन्न, फल, वस्त्र ,स्वर्ण, रजत के साथ बहु विधि उपयोगी वस्तुओं को चमेली देवी के वजन के बराबर तौल के परिवार के पुरोहित को दान किया गया।
इस अवसर पर सत्यप्रकाश , कमल विकास , शांतिप्रसन्न देव शर्मा सहित बहुत से अतिथि व ग्रामीण इस परंपरा को कौतूहल से देख, आपस मे चर्चा करते देखे गए।

इस दान का अलग पौराणिक महत्व है। एक कथा में आया है कि एक राजा
एक कबूतर की जान बचाने हेतु उसके वजन के बराबर अपना स्वयं का मांस तौल दिए थे।

🟥रिपोर्ट मृत्युंजय गुप्त, विशारद