✍️SP Verma ki report

🛑संत कबीर नगर मगहर।सदगुरु कबीर का 506वां परिनिर्वाण दिवस सोमवार को तीन दिवसीय समारोह की शुरूआत किया गया। जिसकी शुरुआत महंत विचासर दास के नेतृत्व में ध्वजारोहण, हवन, महा बीजक पाठ और कबीर आरती से हुई।

इस दौरान कबीर कथा, कबीर भजन, सत्संग,भंडारे का आयोजन किया गया। जिसका सभी ने प्रसाद ग्रहण किया।
संतकबीर की समाधि पर सत्संग को सम्बोधित करते हुए महन्त विचार दास ने सदगुरू कबीर साहेब के बीजक का महत्व को बताते हुए कहा कि बीजक के माध्यम मन के अंतर्ज्योति से जुड़ने का उद्देश्य है।

जब अंतर्ज्योति का ज्ञान होगा तभी ज्ञान ज्योति के रूप में परमात्मा से सम्पर्क हो सकता है।परमात्मा जीव के रूप में विराज मान है।जब मनुष्य की ज्ञान ज्योति नहीं जलेगी तब तक उससे हम अनभिज्ञ रहते हैं।जिसके कारण भवंर जाल में फंस कर मनुष्य दुखी रहता है।

जब हम ज्ञान ज्योति के माध्यम से साधना करेंगे तभी सभी दुख दूर हो जायेंगे। कबीर साहेब के विचारों को मानव व जीवन में उतारने की जरुरत है। कबीर साहेब ने सभी धर्मो को फटकार लगाई है। उन्होनें कहा कि कबीर साहेब जाति पांति और ऊंच-नीच के घोर आलोचक थे। सद्गुरु कबीर ने कहा है कि निरन्तर गुरु के दरबार मे जाना चाहिए ताकि आपके जीवन मे जो कुछ भूल हैं। उसे सुधारा जा सके। इस दुनिया मे कुछ लेने के लिये नहीं देने के लिये आये है।

इससे पूर्व कबीर महापरिनिर्वाण दिवस के कार्यक्रम की शुरुआत ध्वजारोहण से शुरु हुआ। जो बीजक पाठ करने के उपरांत हवन करने के साथ सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में बिहार, हरियाणा, गुजरात, मध्यप्रदेश, राजस्थान तथा छतीसगढ़ के कबीर पंथी सन्त और अनुवाई शामिल हुए।

इस अवसर पर कमला माता राजस्थान,राजेश दास,दिल्ली,राम लाल,जम्मू से तिलक राज,सुभाष प्रधान,इंदौर से अनुराधा,गुजरात से सरल दास, हरि दास दौसा, बिहार से किशन दास,पंजाब से रमेश दास, अतुल दास, सावित्री देवी बीजक पाठ में लालचंद दास,अमरदास साहेब,रजनी दिल्ली, रामशंकर दास, नरायन साहेब गुजरात, धनु भाई बड़ौदा, केशव दास, ननका दास, राम लखन दास उर्फ लाल बाबा,अरविंद दास शास्त्री,कल्पनाथ दास,वैद्य राम शरन दास,शान्ति दास पुजारी,डा. हरिशरण शास्त्री, महंत कन्हैया दास, आदि मौजूद रहे।
इन्सर्ट::
🛑कबीर भक्तों ने किया कबीर भजन का रसपान
मगहर। सद्गुरु कबीर के 505वे परिनिर्वाण दिवस पर कबीर भजन का श्रद्धालुओं ने रसपान किया।कार्यक्रम की शुरुआत प्रसिद्ध कबीर भजन गायक डा. हरिशरण शास्त्री ने” रहना नहीं देश वीराना है

“कहवा से आइल बाटा कहवां तू जईबा ये पिजड़ा के पंछी” । साध्वी सेवादास ने “गुरुदेव तेरे चरणों मे—“मेरे हर पल का दुख हर्लिया,, मेरे सद्गुरु में क्या चढाऊँ जोभी है सब कुछ तेरा दिया है,,,मन लागो मेरो यार फकीरी में ,,सुनाकर वातावरण को भक्तिमय कर दिया। जिसे सुन भक्त मंत्रमुग्ध हो गये।

भंडारे में श्रद्धालुओं ने किया प्रसाद ग्रहण
मगहर। सद्गुरु कबीर के परिनिर्वाण दिवस पर शनिवार को विशाल भंडारे का आयोजन किया गया।जिसमें विभिन्न प्रदेशों, शहरों व क्षेत्रों से आये कबीर पंथी साधु संतों, अनुयाइयों और कबीर भक्तों ने भंडारे में प्रसाद ग्रहण किया।

इस दौरान स्काउटों के द्वारा सेवा कार्य किया गया। इस मौके पर महन्त विचार दास, मोतवल्ली खादिम हुसेन, डा. हरिशरण शास्त्री, सन्त केशव दास, डा.राकेश सिंह, मुकेश यादव, सत्येंद्र यादव, महेंद्र यादव,

सन्तोष कुमार, गौरव यादव, वागीश पांडेय, सम्पूर्णानन्द त्रिपाठी, मोहम्मद दीन, रामकुमार वर्मा, राम कुंवर सिंह, राजेश चंद, नागेंद्र कुमार, भोलू सिंह, गुजरात के महन्त नारायणदास, प्रह्लाद राय आदि ने प्रसाद ग्रहण किया।