व्यव्हार विज्ञानं और मानव केन्द्रित रणनीति पर आयोजित हुई राज्य स्तरीय कार्यशाला

🛑लखनऊ 21 अगस्त 2023|

शिशु मृत्यु दर को कम करने में टीकाकरण सबसे सस्ता और प्रभावी माध्यम है| प्रदेश में राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे 4 की अपेक्षा सर्वे 5 में पूर्ण टीकाकरण की स्थिति में सुधार देखा गया है| लेकिन अभी राज्य के कई जिलों में पूर्ण टीकाकरण को लेकर बहुत विवधिता है| हमारा प्रयास होना चाहिए कि सभी बच्चे टीकाकरण से आच्छादित हो| यह बातें स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने यूनिसेफ़ द्वारा आयोजित तीन दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला के उद्दघाटन दिवस पर कही|

कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य टीकाकरण में सुधार के लिए ह्यूमन व्यव्हार को केन्द्रित करते हुए रणनीति बनाना है| इसको बेहतर तरीके से समझने के लिए यूनिसेफ़ के सहयोग से तत्त्व और डब्लूओआई द्वारा प्रदेश के दो जिलों बहराइच और फ़िरोज़ाबाद में एक अध्ययन किया गया है, जिसके आधार पर पूर्ण टीकाकरण के लिए आगे की रणनीति बनायीं जाएगी|

प्रमुख सचिव ने कहा कि लोगों के व्यव्हार को समझकर ही उसके आधार पर संचार की रणनीति बनायीं जानी चाहिए| जिससे कि लोग खुद से स्वास्थ्य केंद्र या बूथ कैंप पर आकर अपने बच्चों का टीकाकरण कराएँ| टीकाकरण न सिर्फ़ एक बच्चे को जीवन भर की सुरक्षा देता है, बल्कि परिवार को सीमित रखने और आर्थिक सामाजिक उत्थान करने में भी मददगार बनता है| साथ ही शत प्रतिशत टीकाकरण के लिए आपूर्ति के साथ मांग पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए|

यूनिसेफ़ से चीफ फील्ड ऑफिसर डॉ. एडम जकारी ने बताया कि अगर टीकाकरण नही होगा, तो बीमारियों का आउटब्रेक हो सकता है| और टीकाकरण के लिए मानव व्यव्हार एक महतवपूर्ण भूमिका अदा करता है|

राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. अजय गुप्ता ने बताया कि पर्याप्त मात्रा में गुणवत्ता पूर्ण टीके उपलब्ध है, और कोल्ड चेन के माध्यम से टीके के रख रखाव की भी सुविधा बेहतर हुयी है|

यूनिसेफ़ द्वारा किये गए अध्ययन में निकलकर आया कि यदि टीकाकरण से सम्बंधित डर लोगों के अन्दर कम हो, नकारात्मक विश्वास में कमी हो, जिनके ऊपर टीकाकरण कराने की ज़िम्मेदारी है, उनका टीका के प्रति याद और निर्णय लेने में बढ़ावा हो, उनको मोटिवेट करने के लिए रिवॉर्ड या प्रोत्साहन को बढ़ावा दिया जाये|

इस अवसर पर परिवार कल्याण की डायरेक्टर जनरल डॉ. अनीता जोशी, नियमित टीकाकरण के जनरल मेनेजर डॉ. मनोज शुक्ला, यूनिसेफ़ से हेल्थ एक्सपर्ट कनुप्रिया, अन्य स्वास्थ्य सेवी संस्थाएं, फ़िरोज़ाबाद और बहराइच से स्वास्थ्य अधिकारी आदि मौजूद रहे|