✍️ उमानाथ यादव

🟥-रायबरेली-6 अप्रैल – थाना क्षेत्र के मुड़ियन खेड़ा मजरे खानपुर ख़ुष्टी निवासी सेना के हवलदार राजकुमार 42 वर्ष का तिरंगे में लिपटा शव शनिवार को 10 बजे गांव पहुंचा । शव गांव पहुंचते ही कोहराम मच गया । जहाँ परिजनो , रिस्तेदारो के साथ ही हजारों की संख्या में उपस्थित भीड़ ने अंतिम दर्शन किया । करीब एक घंटे तक शव को दरवाजे रखने के बाद सेना के जवान गांव के किनारे ले गए । जहां मृतक जवान की बड़ी पुत्री व एनसीसी की कैडेट प्रियांशी यादव के अलावा साथ मे आये सेना के कैप्टन नीरज पांडे , सहित समस्त जेसीओ , विधायक राहुल लोधी , पूर्व विधायक पंजाबी सिंह प्रधान सुरेंद्र यादव , यादवेंद्र यादव ने पुष्प अर्पित कर सलामी दिया । चिता को मुखाग्नि बड़े भाई राजबहादुर ने दिया । इस दौरान उनके चाहने वाले राजबहादुर यादव अमर रहे , जब तक सूरज चांद रहेगा , राज बहादुर यादव का नाम रहेगा आदि नारे लगाते रहे । मुड़ियन खेड़ा मजरे खानपुर ख़ुष्टी निवासी व आर्मी नंबर 15678671A हवलदार राज बहादुर यादव सेना में 16 एएसआर (सिग्नल) में गंगा नगर राजस्थान में तैनात थे । जहाँ गुरुवार की रात 2 बजे उनकी मौत हो गयी थी । मृतक हवलदार राज कुमार यादव की मौत की सूचना सेना द्वारा शुक्रवार की सुबह 2 बजे दिए जाने के बाद शुक्रवार की रात 9 बजे वहां से सूबेदार अगम तिवारी अपनी टीम के अन्य जवानों के साथ जहाज से लखनऊ लाये ।जहां से सेना के कैप्टन नीरज पांडे के नेतृत्व में 12 जवान शनिवार को 10 बजे शव को लेकर गांव पहुंचे । शव गांव पहुंचते ही कोहराम मच गया । जिसके बाद दरवाजे शव को सेना की गाड़ी से नीचे उतारकर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया । करीब एक घंटे तक रखे हवलदार राज कुमार यादव के शव को पत्नी श्रीमती नीरज देवी , पुत्री प्रियांशी उर्फ कोमल यादव , भूमि यादव , पुत्र अथर्व यादव , के साथ ही पिता राम भरोसे यादव , भाई राज बहादुर यादव , राम राखन यादव , राम पियारे यादव , अमर बहादुर यादव प्रधान सुरेंद्र यादव , यादवेंद्र यादव , शेर जंग यादव , विधायक राहुल लोधी पूर्व विधायक पंजाबी सिंह , थानाध्यक्ष खीरो देवेंद्र अवस्थी , उप निरीक्षक ओम प्रकाश सिंह के साथ ही सेना के संगठन सीएपीएफ यादव परिवार से आये गंगाधर यादव , उमानाथ यादव , सुंदर लाल यादव , सैनिक समाज संगठन , गौरव सेनानी वैलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के पदाधिकारियों द्वारा पुष्प अर्पित कर अंतिम विदाई दी गयी । तथा शव में लिपटे तिरंगा व उनकी फोटो को पत्नी श्रीमती नीरज देवी को यादगार के लिए प्रदान किया गया । जिसके बाद सेना से साथ आये जवानों द्वारा पुष्प अर्पित कर राजकीय सम्मान के साथ सलामी दिए जाने के बाद शव को अंतिम संस्कार हेतु परिजनों को सौप दिया गया । परिजनों ने अपनी रीति रिवाज के अनुसार गांव के किनारे चिता लगाकर उनका अंतिम संस्कार कर दिया । इनसेट – सेना में ड्यूटी के दौरान हुई हवलदार राज कुमार यादव की मौत का रहस्य शव आने के बाद बरकरार रहा । पत्नी नीरज देवी की सिर्फ अकस्मात मौत के अलावा कुछ जानकारी नही है । जबकि परिवारी जन भी इसे आकस्मिक मौत मानते हुए अंतिम संस्कार के बाद सेना से मिलने वाले कागजातों को देखकर कुछ कहने की बात कहते है तो कुछ लोग इसे फांसी लगाकर मौत बता रहे है । वही कुछ लोग शहीद होने व कुछ लोग आकस्मिक मौत की बात कहते हुए जानकारी करने का प्रयास करते दिखे । लेकिन साथ मे आये सेना के अधिकारी व जवानों ने इसे आकस्मिक मौत बताते हुए कुछ भी बताने से इनकार कर दिया । जबकि कुछ लोगो ने सेना से साथ आये अधिकारियो से नाराजगी प्रकट करते हुए पूछने की कोशिश की । लेकिन उन्होंने अपने उच्चाधिकारियों के निर्देश का पालन करने की बात कहते हुए इसे नकार दिया ।