🟪अविनाश जायसवाल 9918214226

🛑संत कबीर नगर धनघटा थाना क्षेत्र के पौली गांव के कुछ लोगों ने पूर्व में गांव को छोड़ कर पाकिस्तान चलें गये है जिनकी सम्पत्ती को गांव के कुछ लोगों ने फर्जी तरीके से अपने नाम करा लिए हैं जिसमें मुक़दमा वादी ने बताया की अभियुक्तगण का परिवार आज भी नेपाल, क़ुवेट, और दुबई आदि जगहों पर रह कर जीवनयपन कर रहा है और भारत को छोड़ गए  वर्तमान में शत्रु संपत्ति पर अपना नामअवैध तरिके से चढाकार करोड़ों की संपत्ति पर कब्ज़ा जमाये है जिससे क्षेत्र में एक चर्चा का बिषय भी बना हुआ है इस मामले में वादी इम्तियाजउर्फ अज्जू पुत्र एजाज अहमद निवासी पौली थाना धनघटा जनपद संत कबीर नगर में अपने ही गांव के शफीउल रहमान अतीक उर रहमान नफीस उर रहमान अताउल रहमान तथा हनी उर रहमान पुत्र गढ़ अब्दुल राहु के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर धनघटा थाने में मुकदमा दर्ज कराया है अपने शिकायती पत्र में उसने बताया कि गांव के ही इलियास अहमद पुत्र शुजात अली की जमीन जो मौजा पौली में गाटा संख्या 42 बटा 0 पॉइंट 453 मौजा दूल्हा पार में गाटा संख्या 34 350 और वक्त बंटवारा इलियास अहमद पाकिस्तान चले गए और उक्त संपत्ति शत्रु संपत्ति हो गई प्रवृत्त विधि अनुसार उस भूमि व्यवस्था को आयुक्त राजस्व परिषद बंदोबस्त आयुक्त एवं कस्टोडियन उत्तर प्रदेश महोदय निशिकांत संपत्ति अनुभाग 8 की धारा 8 राणा प्रताप मार्ग लखनऊ के आदेश संख्या 14 से 2 बटा 8 दिनांक 6 .7.1986 में दिए गए प्रावधान के अंतर्गत नीलामी आयोजित की गई और उसे नीलामी में एजाज अहमद ने आराजी संख्या 42 बात 0.453 हेक्टर स्थित मौज पौली के बाबत कुल मूल्य और 19950 अदा करके हासिल किया नीलामी की रकम जारी ट्रेजरी चालान संख्या 102 स्टेट बैंक खलीलाबाद में द्वारा जमा किया गया और नीलामी के आधार पर 31387 को नामांतरण आदेश बाग एजाज अहमद पुत्र इकबाल अहमद पारित होकर उपरोक्त नीलामी द्वारा करे सुधा आराध्यात पर एजाज अहमद पुत्र इकबाल का नाम खतौनी में दर्ज किया गया उक्त नामकरण आदेश दिनांक 31.3.1987 के विरुद्ध अब्दुल रऊफ ने कायमी दिया जो दिनांक 15 .12.1987 को निरस्त हो गई पुणे उक्त अब्दुल रऊफ ने अपील आयोजित किया जो दिनांक 31.3.1987 के स्थान पर 13.3.1987 के विरुद्ध भी पुणेकर में राहु ने दिया जो दिनांक 23.3.1990 को निरस्त हो गए पुन्ह अब्दुल अहमद ने 10. 4. 1990 को अमल दरामद हेतु प्रार्थना पत्र दिया जिसकी जानकारी होने पर प्रार्थी ने दिनांक 26. 11.1990 को आपत्ति दिया और दिनांक 1992 को तहसीलदार को प्रशिक्षण हेतु निर्देशित किया गया इसी बीच पुनर दिनांक 31.7.1995 को अब्दुल रऊफ ने प्रार्थना पत्र देकर कहा की निष्पादित संपत्ति नहीं है और परीक्षणों पर अंतर्निहित आदेश तहसीलदार ने बात संख्या 8 रिपोर्ट बनाम इलियास में दिनांक 9.1.1996 को आदेश पारित कर करते हुए प्रार्थना दिनांक 31.7.1995 को निरस्त कर दिया और इसी के बीच आदेश दिनांक 31. 3.87 अंतिम हो आदेश में होकर प्रार्थी इजाजत के नाम मोहम्मद इलियास के स्थान पर दर्ज हुआ अब्दुल रऊफ जो अत्यंत फरेबी और जलसा है तथा भू माफिया है जाल फारेब करके कुटरचित मनमाफी आदेश जरि संख्या 274 अब्दुल रऊफ बनाम मोहम्मद इलियास न्यायालय फैसला 20 .8.98 का हवाला देकर इलियास के स्थान परअपना नाम दर्ज करवा लिया जबकि उक्तवाद का नहीं तो पत्रावली बनी नहीं शफीकुर रहमान अतीकुर्र रहमान नफीसुर रहमान अताउर्रहमान अनीउर्रहमान ने जलसा जी द्वारा तैयार किया और उक्त संपत्ति को अपने नाम दर्ज कराया बाद में सब शफिकुर्रहमान आदि उपरोक्त ने अब्दुल रऊफ से वसीयत करवा लिया किस प्रकार शफीकुर्रहमान आदि उपरोक्त अपने पिता अब्दुल रऊफ को साजिश में सम्मिलित होकर कुट रचित अभिलेख तैयार करके प्रार्थी की संपत्ति को अपने नाम दर्ज करवा कर प्राप्ति के साथ घोरआन्य करते हुए गंभीर अपराध कार्य किया है इस पर प्रार्थना पत्र उप जिलाधिकारी धनघटा को भी प्रार्थी ने दिया और जांच में अपराध सत्य पाए जानेके बावजूद भी कोई कार्रवाई विपक्षीय गण के विरुद्ध नहीं की गई ऐसी दशा में शफीकुर्रहमान आदि के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने हेतु थाना धनघटा में प्रार्थना पत्र दिया किंतु कोई कार्रवाई न होने पर पुलिस अधीक्षक संत कबीर नगर को जारिए रजिस्ट्री प्रार्थना पत्र लिया गया फिर भी कार्रवाई नहीं हुई अंत में हार मान कर वादी ने कोर्ट का शरण लिया जिसमें कोर्ट ने उक्त अपराधियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिनांक 14. 4 .2023 को दिया इस मामले में आरोपियों के विरुद्ध इसी धारा 419 420 467 468 471 के तहत मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है