✍️अब्दुल गफ्फार खान की रिपोर्ट

🔴गोरखपुर(ब्रह्मपुर)
मां वैष्णो देवी का दर्शन करने गए दर्शनार्थियों के बीच मची भगदड़ के दौरान गोरखपुर जिले के तहसील चौरीचौरा के ग्राम रामपुर बुजुर्ग निवासी डाक्टर अरुण प्रताप सिंह उम्र 30 बर्ष की मौत हो गयी। उनकी मौत की सूचना मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। उनके साथ गयी उनकी पत्नी और दोस्त व उनके परिवार के लोग सुरक्षित हैं। देर शाम उनका शव प्लेन द्वारा लखनऊ के अमौसी एयरपोर्ट पर आया है। वहां से सड़क मार्ग से शव को घर लाया जाएगा।
रामपुर बुजुर्ग गांव के पूर्व ग्राम प्रधान सत्यप्रकाश सिंह के 30 वर्षीय पुत्र डा0 अरुण प्रताप सिंह का शहर में जेल बाईपास रोड पर हिन्द हास्पिटल नाम से अस्पताल है। बीते 1 दिसम्बर को उनका विवाह कुशीनगर जिले के पकड़ी निवासी डा0अर्चना सिंह से हुआ था। डाक्टर अरुण अपनी पत्नी डाक्टर अर्चना सिंह और खलीलाबाद निवासी अजय और गोरखपुर शहर निवासी अनुग्रह उर्फ मुन्ना और उनकी पत्नियों सहित कुल 6 लोग एक साथ मां वैष्णो देवी का दर्शन करने के लिए अपने निजी कार से 29 दिसम्बर को सुबह आठ बजे निकले थे। लखनऊ पहुंचकर उन्होंने अपनी कार को खड़ा कर दिया और वहां से अर्टिगा गाड़ी किराए पर लेकर मां वैष्णो देवी का दर्शन करने के लिए निकले थे। जहां शुक्रवार की रात में करीब ढाई बजे भगदड़ मचने के दौरान उनकी मौत हो गयी। इस भगदड़ में उनकी पत्नी अर्चना सिंह और अन्य साथी सुरक्षित बच गए हैं। डाक्टर अरुण पिछले सात साल से प्रैक्टिस कर रहे थे और दो साल पूर्व पार्टनरशिप में जेल बाईपास पर हिन्द अस्पताल के नाम से एक अस्पताल चला रहे थे। अरुण अपने माता पिता के इकलौते बेटे थे। उनकी एक बहन प्रियंका सिंह हैं जो उनसे छोटी हैं और उनका विवाह एक वर्ष पूर्व हो चुका है। उन्होंने खुर्जा से बीएएमएस किया था। उन्होंने बताया कि उनको अपने बेटे के मौत की खबर समाचार चैनलों के माध्यम से हुई। बेटे के मौत की खबर मिलते ही वह बेसुध हो गए। घर मे कोहराम मच गया। उनकी मौत से पूरे गांव में मातम और सन्नाटा पसारा हुआ है। देर शाम एडीएम प्रशासन पुरुषोत्तम दास गुप्ता, एसडीएम अनुपम मिश्रा, तहसीलदार विरेन्द्र प्रसाद गुप्ता ने डॉक्टर अरुण के परिजनों से मुलाकात कर उनको सान्त्वना दिया।