✍️नरेश सैनी

🟥मथुरा – कृष्णा कुटीर वृद्धाश्रम के पानी का सैंपल फेल पाया गया है। आश्रम में लगी सबमर्सिबल से यह सैंपल 29 जुलाई को लिया गया था। जल निगम की लैब में इसकी जांच हुई है, जिसमें टीडीएस, क्लोराइड, फ्लोराइड की मात्रा मानक से अधिक पाई गईं हैं। हालांकि आश्रम प्रशासन का दावा है कि पेयजल के रूप में वह सिर्फ नगर निगम के टैंकर का पानी ही इस्तेमाल करते हैं। आश्रम की सबमर्सिबल का पानी अन्य कार्यों में इस्तेमाल किया जाता है। जिला स्तरीय पानी जांच प्रयोगशाला से आई रिपोर्ट में टीडीएस की मात्रा 2293 पाई गई है, जबकि इसका आदर्श मानक 500 है। डॉक्टरों के अनुसार जिस पेयजल में टीडीएस 1000 से अधिक है, उसके सेवन से व्यक्ति को पित्ताशय, किडनी, पथरी की समस्या हो सकती है। इसके अलावा पानी में फ्लोराइड की मात्रा 1.8 पाई गई है, जबकि इसका आदर्श मानक 1.0 है। 1.5 तक मानव शरीर सहन कर सकता है। इससे अधिक होने पर दांतों में परेशानी, किडनी की समस्या, हड्डियों में दिक्कत, शरीर में दर्द, जकड़न की समस्या होने लगती है। इसी प्रकार क्लोराइड की मात्रा 1700 पाई गई है, जिसका आदर्श मानक 250 है। 1000 तक मानव शरीर सहन कर सकता है। इससे अधिक होने पर फेफड़ों में संक्रमण, कैंसर की समस्या होने लगती है। नमूने की जांच 12 मानक बिंदुओं पर हुई। अधिकांश में मानकों पर पानी की गुणवत्ता खराब पाई गई है। विजय नारायण, जीएम जल निगम ने कहा कृष्णा कुटीर आश्रम की सबमर्सिबल के पानी का सैंपल फेल पाया गया है। यह प्रकरण गंभीरता से लिया जाएगा। पूरे मामले की जांच कराई जाएगी।