विश्व तंबाकू निषेध दिवस
विश्व में 60 लाख लोग हर साल तंबाकू सेवन से गंवा रहे जान
– परिवार व समाज के लिए भी खतरा पैदा कर रहे हैं ध्रूमपान वाले लोग

🔴बस्ती, 30 मई 2022।
विश्व में हर साल लगभग 60 लाख लोग तंबाकू सेवन से जान गवां रहे हैं। ध्रूमपान करने वाले लोग परिवार व समाज के लिए भी खतरा पैदा कर रहे हैं। तंबाकू का सेवन किसी भी रूप में हो, हानिकारक है।
यह कहना है गैर संचारी रोग कार्यक्रम के जिला कार्यक्रम प्रभारी आनंद गौरव शुक्ला का। उन्होंने कहा कि लोगों को तंबाकू से होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक करने के लिए हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि बीड़ी, सिगरेट के अलावा जर्दा, खैनी, हुक्का, गुटका, तंबाकू युक्त मसाला, मावा मिसरी व गुल सभी हानिकारक हैं। लोगों को इनसे होने वाले नुकसान के बारे में स्वीकार्य करना होगा, तभी वह इससे मुक्ति पाने का प्रयास कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि आगामी 15 जून तक अभियान चलाया जाएगा और लोगों से अपील की जाएगी कि वह तंबाकू की आदत छोड़ दें।
श्री शुक्ल ने बताया कि सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के माध्यम से हेल्थ स्क्रीनिंग के दौरान कैंसर की भी जांच की जाएगी। मुंह में रेड, ब्लैक, व्हाईट धब्बा या निशान मिलने पर उसकी जांच कराई जाएगी। वेलनेस सेंटर के अलावा जिला स्तरीय व मुंडेरवा, कुदरहा, रुधौली, परशुरामपुर व हर्रैया में चल रही एनसीडी क्लीनिक में भी जांच की व्यवस्था है।

जिला अस्पताल में संचालित एनसीडी क्लीनिक के साइक्रेटिक सोशल वर्कर डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि 45 प्रतिशत मरीजों की मौत तंबाकू सेवन के कारण होती है। तंबाकू में चार हजार से ज्यादा विषैले व कैंसर के तत्व मौजूद होते हैं। शौक में लोग गुटका, पान मसाला आदि खाना शुरू करते हैं, जो आगे चलकर मौत का कारण तक बन रहा है।

ध्रूमपान छोड़ने के फायदे
– ध्रूमपान छोड़ने के 20 मिनट बाद रक्तचाप व ह्दयगति सामान्य हो जाती है।
– 24 घंटे बाद कार्बन मोनोआक्साइड शरीर से बाहर निकल जाती है।
– 72 घंटे बाद सांस लेना आसान हो जाता है।
– दो से चार हफ्ते बाद रक्त संचार में सुधार आ जाता है।
– तीन से नौ महीने बाद फेफड़े 10 प्रतिशत अधिक क्षमता से काम करने लगते हैं। अंगों में रक्त प्रवाह बढ़ जाता है।
– 12 से 60 महीने बाद ह्दयरोग का जोखिम आधा हो जाता है।
– 10 वर्ष बाद फेफड़े के कैंसर का जोखिम आधा हो जाता है।
– 15 वर्ष बाद हार्ट अटैक और लकवा का जोखिम सामान्य व्यक्ति की तरह रह जाता है।

तंबाकू नियंत्रण अधिनियम में है सजा का प्रावधान
तंबाकू नियंत्रण अधिनियम में अर्थदंड व कारावास का प्रावधान है। सार्वजनिक स्थान व कार्यस्थल पर धूम्रपान करना अपराध है। 18 वर्ष से कम आयु वालों को तंबाकू उत्पाद बेंचना प्रतिबंधित है। शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज की परिधि में तंबाकू तंबाकू बेंचना प्रतिबंधित है। गौरव शंकर शुक्ला ने बताया कि जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समन्वय समिति का गठन किया जा चुका है। चालानी प्रक्रिया के लिए दो सचल दल का भी गठन किया जा चुका है। जल्द ही कार्रवाई शुरू होगी।