डॉ0 भीमराव अंबेडकर सामाजिक समरसता के उदाहरण हैं : राणाप्रताप सिंह

🟥रूद्रपुर (देवरिया) । मंगलवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) रूद्रपुर इकाई द्वारा प्रत्युष विहार रामचक विद्यालय में बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर जी के परिनिर्वाण दिवस पर सामाजिक समरसता दिवस के रूप में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर एबीवीपी के तहसील संयोजक अनुज शुक्ला, बालमुकुन्द शुक्ला व पवन सिंह उपस्थित रहे । संगोष्ठी की अध्यक्षता विद्यालय के प्रधानाचार्य राणाप्रताप सिंह ने किया । उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि डॉ0 भीमराव अंबेडकर सामाजिक समरसता के उदाहरण हैं । संविधान निर्माता एवं स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री भारत रत्न ने हमेशा कहा और माना तथा अपने आचरण में जिया भी कि हम सबसे पहले और सबसे अंत में सिर्फ और सिर्फ हिंदुस्तानी हैं । वह एक विधिवक्ता, अर्थशास्त्री व समाज सुधारक थे। उन्होंने दलित समाज, मजदूर वर्ग और महिलाओं के प्रति सामाजिक भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई। बालमुकुन्द शुक्ला ने कहा कि डॉ0 भीमराव अंबेडकर का जीवन बेहद ही प्रेरणा देने वाला है । उनके विचारों को अपने व्यवहार में लागू करके ही हम एक संगठित भारत का निर्माण कर सकते हैं । राष्ट्र के प्रति आंबेडकर जी का योगदान बहुमूल्य एवं उल्लेखनीय है। सामाजिक बुराइयों को दूर करने के उनके प्रयासों को समाज कभी नहीं भूलेगा। पवन सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा कि अम्बेडकर ने सर्वसमाज को समान रूप से करने का बहुत प्रयास किया । डॉ0 आंबेडकर की नीतियों पर चलकर ही समाज का समान रूप से सर्वांगीण विकास किया जा सकता है। इस अवसर पर राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, गौतम शर्मा, सुरेश प्रसाद, दिलीप शेरा, महक बरनवाल, विजय बहादुर सिंह, प्रशान्त कुमार सिंह, प्रियंका यादव, शिखा मिश्रा, प्रियंका गुप्ता, अजय कुमार गोड़, निधि गौतम, अनुजा सिंह, अनुराधा, सलोनी, रागिनी, दिव्यांशी, इशिका, शिखा, अमित, रोहन, मुस्कान, प्रीती, निखिल, शिवदीप आदि मौजूद रहे ।