डॉ शशि कांत सुमन
मुंगेर। मुंगेर जिले के तत्कालीन जिला कृषि पदाधिकारी महेश प्रसाद सिंह सहित विभाग के चार कर्मियों की अग्रिम जमानत याचिका को भागलपुर की विशेष विजिलेंस कोर्ट ने खारिज कर दिया। विशेष विजिलेंस कोर्ट के द्वारा याचिका खारिज करने के साथ ही तत्कालीन जिला कृषि पदाधिकारी महेश प्रसाद सिंह सहित अन्य कर्मियों की मुश्किलें बढ़ गई है। इस मामले अब सभी आरोपियों को पटना हाईकोर्ट में जमानत के लिए अपील करना होगा। बता दें कि तत्कालीन जिला कृषि पदाधिकारी महेश प्रसाद सिंह पर हवेली खड़गपुर प्रखंड के परसंडो निवासी किसान सौरभ कुमार सिंह ने कस्टम हायरिंग की सब्सिडी दिलाने के नाम पर चेक के माध्यम से 1.90 लाख रुपये रिश्वत लेने का आरोप लगाते हुए थाना में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए आवेदन दिया था। लेकिन इस मामले को हवेली खड़गपुर थाना लीपापोती करना चाह रही थी, लेकिन जिले के तत्कालीन लेडी सिंघम के रूप में चर्चित एसपी लिपि सिंह के निर्देश के आलोक में प्राथमिकी दर्ज की गई। जिसमें डीएओ महेश प्रसाद सिंह सहित सहित 5 आरोपियों के खिलाफ भादवि की धारा 120 बी तथा 420 एवं भ्र्ष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)(डी) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इस मामले की प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस के द्वारा अभी तक एक भी अभियुक्तों की गिरफ्तारी नहीं होने से पुलिस के कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे है। इस बाबत एसपी जगुनाथ रेड्डी जला रेड्डी ने बताया कि कोरोना के कारण मामले में देरी हुई है। इस मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए वारंट मांगा गया है कि नहीं। इसके बाद ही समुचित कार्रवाई की जाएगी। फरार वारंटियों को गिरफ्तार किया जाएगा।