विष्णुपद मंदिर और सीता कुंड मंदिर में सुख शांति हेतु वर्मा परिवार ने किया पूजा अर्चना

✍️S.K.Verma

🟥गया। पितृपक्ष मेला महासंगम 2022 के अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार डॉ अरविन्द वर्मा अपने परिवार संग पितर पूर्वजों के लिए फल्गु नदी पर पिंड दान करने पहुंचे। पंडा विश्वनाथ एवं वैदिक विष्णु पांडेय के मंत्रोच्चारण से फल्गु नदी के तट पर बने पंडाल संख्या 02 में बैठ कर विधि विधान पूर्वक पिंड दान किया और सभी सामग्रियों को फल्गु नदी में प्रवाहित कर पानी का तर्पण किया। डॉ वर्मा सहित उनके पारिवारिक सदस्यों ने फल्गु नदी में खड़े होकर अपने पूर्वजों को याद किया, नमन किया और भूल चूक से हुई गलतियों के लिए क्षमा याचना किया। तत्पश्चात, डॉ वर्मा ओर उनके भाई परिवार सहित गया शहर से लगभग 10 किलोमीटर दूर प्रेतशिला पहाड़ पर भी पिंड दान और तर्पण किया, ताकि अकाल मृत्यु में मृत पितरों को प्रेत योनि से मुक्ति मिल सके। डॉ वर्मा ने मौके पर उपस्थित मीडिया से कहा ऐसी मान्यता है कि पितृ पक्ष के दौरान मृत दिवंगत आत्मा पंद्रह दिनों के लिए गया आते हैं। मृत पूर्वजों को ब्रह्मलोक की प्राप्ति हो, पितरों का उद्धार हो, पितरों को मोक्ष मिले, इसके लिए ही पिंड दान और तर्पण किया जाता है। गया में कर्मकांड और तर्पण करने से पितरों को शांति मिलती है। फल्गु नदी में पिंड दान करने के बाद प्रेतशिला में भी पिंड दान करने का प्रावधान है। डॉ वर्मा अपने परिवार सहित फल्गु नदी के तट पर बने ऐतिहासिक एवं पौराणिक विष्णुपद मंदिर में भगवान विष्णु के चरण चिन्ह और विशाल बट वृक्ष की पूजा अर्चना किया। सीता कुंड में बालू का पिंड बनाकर पंडित के मंत्रोच्चारण से पिंड दान और तर्पण किया। डॉ वर्मा ने अपने परिवार के संग माता सीता कुंड मंदिर में स्थापति भगवान की मूर्तियों को स्पर्श कर क्षमा याचना के साथ आशीर्वाद की कामना की। डॉ अरविन्द वर्मा के संग पिंड दान और तर्पण करने वालों में प्रमुख थे खगड़िया से इन्दु प्रभा, उदाकिशुनगंज( मधेपुरा) से अशोक वर्मा तथा बेला कुमारी, बोकारो (झारखंड) से अनिल वर्मा तथा निभा कुमारी, मुंगेर से अजय वर्मा तथा मधु वर्मा आदि। डॉ वर्मा एवं उनके पारिवारिक सदस्यों में साहिल आनन्द भी साथ रहे।