मथुरा
🔴रिपोर्ट सत्येंद्र यादव

लेखपाल रतन सिंह की वजह से जानू गांव । यूँ तो अधिकांशत: जमीनी विवादो की वजह तहसील कार्यालय और लेखपाल होते आये हैं लेकिन फिर भी चन्द टुकड़ों की खातिर तहसील कार्यालय और लेखपाल हैं कि सुधरने का नाम ही नहीं लेते हैं और आलाधिकारियों की कृपा से सब कुछ सामान्य रूप से बदस्तूर जारी चलता चला आ रहा है जिसका एक उदाहरण पुनः प्रकाश में आया है जिसके तहत गोवर्धन तहसील क्षेत्र के जानू गांव का लेखपाल रतन सिंह उर्फ बाबा उपजिलाधिकारी गोवर्धन के आदेशों को दरकिनार कर जानू गांव में पुनः खूनी संघर्ष कराने की स्थिति पैदा कर रहा है।

गौरतलब हो कि गोवर्धन तहसील के गांव जानू में कई वर्षों पूर्व एक जमीन को लेकर परिवार में ही खूनी संघर्ष हुआ था जिसमें  वर्ष 2012 से केशव पुत्र भंवर सिंह, शिवसिंह पुत्र केशव निवासी गांव जानू आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी तभी से दोनों पिता पुत्र मथुरा कारागार में बंद हैं।शेष परिवार मथुरा रहकर जीवन यापन कर रहा है व जमीन बंजर पड़ी हुई है दूसरी तरफ केशव की पुत्री शादी योग्य हो गई हैं और अशोक नामक जो भाई पैरवी कर रहा है वो अपनी पैतृक संपत्ति को बेचना चाहता है ताकि बहिनों की शादी समय पर कर सके जिसके लिए जमीन का कुड़ा बटवारा होना जरूरी है जिसके लिए अशोक के द्वारा कुड़ा बटवारे के लिए उपजिलाधिकारी गोवर्धन के यहाँ वाद प्रस्तुत किया गया था जिसमें उपजिलाधिकारी गोवर्धन संदीप कुमार वर्मा ने जानू के लेखपाल रतन सिंह उर्फ बाबा को अपने आदेश दिनांक 3 दिसम्बर 2021 का अनुपालन कर कुर्रा दाखिल करने हेतू 17 दिसम्बर 2021 को आदेशित किया गया था लेकिन जानू के लेखपाल रतन सिंह उर्फ बाबा ने आज तक उपजिलाधिकारी गोवर्धन संदीप कुमार वर्मा के आदेश दिनांक 3 दिसम्बर 2021 का पालन नहीं करते हुए कुर्रा दाखिल नहीं किया। लेखपाल रतन सिंह उर्फ बाबा की वादी अशोक द्वारा लाख मिन्नतें करने के उपरांत भी उसकी पैतृक संपत्ति का लेखपाल रतन सिंह उर्फ बाबा सुनवाई नहीं कर रहे हैं। जिससे बौखला कर विगत दोपहर को वादी अशोक ने तहसील पहुंचा और  लेखपाल रतन सिंह उर्फ बाबा पर आरोप लगाया कि आप गांव में पुनः खूनी संघर्ष कराना चाहते हो क्योंकि वो कुर्रा दाखिल करेंगे नहीं और कोई अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा न उसकी सुनवाई कर रहा है ऐसे में अशोक अगर बिना कुर्रा बटवारे के अपनी जमीन पर गया तो निश्चित रूप से ही खूनी संघर्ष होगा जिसे कोई रोक नहीं सकता अगर ऐसी स्थिति में पुनः खूनी संघर्ष होता है तो उसका जिम्मेदार किसे ठहराया जायेगा। इस सम्बंध में जब उपजिलाधिकारी गोवर्धन से वार्ता की गई तो उन्होंने बताया कि आगामी 16 मार्च उक्त वाद में कुर्रा दाखिल करने हेतू नोटिस के माध्यम से पुनः अवसर दिया गया है नोटिस लेखपाल को प्राप्त हो चुका है उम्मीद है नियत दिनांक को लेखपाल कुर्रा दाखिल कर देl