न्यायपालिका न होती तो अन्नदाता किसानो के हक अधिकार का हनन कर लेता जिला प्रशासन- विनय शंकर राय मुन्ना

🟥रोहनिया वाराणसी।मोहनसराय ट्रांसपोर्ट योजना के लिये अधिग्रहण का विरोध के दौरान गिरफ्तार 11 किसानो मे से चार किसानो की जमानत अर्जी सोमवार मंजुर हो गयी। जिला जज के छुट्टी पर होने के कारण प्रथम ए डी जे संजीव कुमार सिन्हा की अदालत ने जिउत पटेल ,रतन पटेल ,बबलु ,संदीप पटेल की जमानत अर्जी पर बहस सुनी। किसानो की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता द बनारस बार के पूर्व महामंत्री नित्यानन्द राय , अजय शर्मा, कामेश्वर सिंह ने बहस की , कोर्ट को बताया कि उक्त योजना से संदर्भित मुकदमा माननीय उच्च न्यायालय मे लंबित है सत्रह मई को हाइकोर्ट मे सुनवाई हेतु तिथि नियत थी तबतक अचानक 16 मई को लाव लश्कर के साथ विधि विरूद्ध तरीके से वी डी ए के अधिकारी बिना मुआवजा दिये किसानो की जमीन पर कब्जा लेने लगे।17 मई को हाईकोर्ट मे सुनवाई के बाद किसानो के वैधानिक साक्ष्य को देखते हुये माननीय न्यायालय ने स्थगन आदेश दे दिया जिसके कारण जिला प्रशासन को वापस होना पड़ा।शांतिपुर्वक विरोध करने पर किसानो पर बर्बर तरीके से लाठीचार्ज किया और निर्दोष लोगो का फर्जी मुकदमे मे जेल भेज दिया गया। जबकि जिउत पटेल पुरे अप्रैल महीने हेरिटेज अस्पताल मे भर्ती था।बीमार था ,घर पर था और पुलिस ने उसे भी मुल्जिम बना दिया। अदालत ने तर्को को सही मानकर चारो किसानो को जमानत पर रिहा करने का आदेश पारित कर दिया। मंगलवार को अन्य किसानो की जमानत अर्जी पर सुनवाई होनी है।मोहनसराय किसान संघर्ष समिति के मुख्य संरक्षक किसान नेता विनय शंकर राय “मुन्ना” की अध्यक्षता मे किसानो ने जमानत अर्जी मंजुर होने पर खुशी मनायी। किसान नेता विनय राय ने कहा कि न्यायपालिका न होती तो वाराणसी जिलाप्रशासन अन्नदाता किसानो के वैधानिक हक हकूक का दमन कर हनन भी कर लेता और जेल मे डालकर दमन की पराकाष्ठा लाघता, सोमवार को माननीय हाइकोर्ट मे भी लगातार तीसरे दिन भी सुनवाई जारी रही मंगलवार को पुन:दो बजे अधिग्रहण को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई होगी। जिला प्रशासन से माननीय उच्च न्यायालय लगातार साक्ष्य मांग रहा है लेकिन जिला प्रशासन कोई साक्ष्य नही दे पा रहा है ।