✍️मृत्युंजय विशारद की रिपोर्ट

🟥देवरिया
सनातन धर्म मे पित्र पक्ष का विशेष महत्व होता है, अपने स्वर्ग वासी पुरखों को प्रातः काल स्नान के पश्चात काला तिल ,सफेद फूल जल में डाल कर तर्पण,अग्रासन निकाल कर कौआ, गाय, श्वान कुत्ता आदि को खिलाने की परम्परा का पालन बड़े श्रद्धा के साथ करते हैं।
काफी दिनों तक बृंदावन में रहने वाले रुद्रपुर, देवरिया के कथावाचक अभिएन्द्र गर्गाचार्य ने बताया कि श्रीमदभागवत कथा में एक प्रसंग आता हैकि संसार के प्रथम प्रेत धुन्धकारी की मुक्ति हेतु उनके भाई गउकरण जी द्वारा गया जी मे किया गया परन्तु उन्हें प्रेतयोनि से मुक्ति नही मिली,गउकरण जी द्वारा जब श्री मदभागवत कथा का परायण किया गया, तब जाकर उन्हें प्रेतयोनि से मुक्ति मिली।
अभियेन्द्र गर्गाचार्य ने बताया कि देवरिया जनपद के रुद्रपुर में पितृपक्ष की अवधि में पितरों के मोक्ष हेतु श्रीमदभागवत कथा का आयोजन एकादश पोथी पूजन के साथ किया गया।
संगीतमय कथा के पश्चात सामूहिक भंडारा व प्रसाद वितरण का भी आयोजन हो रहा है।
इस कार्यक्रम में कथावाचक अभियेंद्र गर्गाचार्य जी के श्रीमुख से बड़ी संख्या में लोगो ने कथा रसपान कर अपने पितरों के मोक्ष का फल प्राप्त किया।