आयुष्मान भारत योजना के तहत 28,816 पात्र लाभार्थियों ने कराया कैशलेस इलाज

🛑रायबरेली, 20अक्टूबर 2023
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना है । कमजोर वर्गों को निःशुल्क इलाज कराने के उद्देश्य से साल 2018 में इस योजना की शुरुआत की गई जिसके तहत लाभार्थी परिवार देश के किसी भी सूचीबद्ध अस्पताल में प्रति वर्ष पांच लाख रुपये तक का निःशुल्क इलाज करवा सकता है ।

 

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वीरेंद्र सिंह का कहना है कि इस योजना का लाभ लेने के लिए पात्र लाभार्थी अपना आयुष्मान कार्ड अवश्य बनवाएं । इसके लिए वह आशा कार्यकर्ता, सीएचसी पर आयुष्मान मित्र से संपर्क कर सकते हैं या जनसेवा केंद्र पर भी जाकर कार्ड बनवा सकते हैं । इस योजना के तहत 2250 बीमारियों का निःशुल्क कैशलेस इलाज होता है ।

🛑इनसेट
जनपद में इतने बने हैं आयुष्मान कार्ड
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. वीरेंद्र सिंह बताते हैं कि आयुष्मान भारत योजना के तहत जनपद में अभी तक लगभग 6.62 लाख पात्र लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बने हैं । जनपद में लगभग 2.36 लाख लाभार्थी परिवार ऐसे हैं जिनके कम से कम एक सदस्य के पास आयुष्मान कार्ड है । इसके साथ ही अभी तक कुल 28,816 पात्र लाभार्थियों ने इस योजना के तहत कैशलेस इलाज कराया है । जिसमें से 15,876 ने सरकारी अस्पताल में तथा 13,040 ने निजी अस्पताल में अपना इलाज कराया है ।

 

नई व्यवस्थाएं
जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी डी.एस.अस्थाना बताते हैं कि अब लाभार्थी आयुष्मान कार्ड अपने मोबाइल फ़ोन पर आयुष्मान एप के माध्यम से बना सकते हैं । इसके साथ ही जिन परिवारों के पास सफेद राशन कार्ड है और परिवार में छह या छह से ज्यादा सदस्य हैं वह भी इस योजना लाभ ले सकते हैं । इसके अलावा 60 वर्ष या 60 वर्ष से ऊपर की आयु के बुजुर्ग भी इस योजना के दायरे में आ गए हैं ।
यह अस्पताल हैं सूचीबद्ध

एम्स,जिला महिला एवं पुरुष अस्पताल सहित सभी 18 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर इस योजना का लाभ लिया जा सकता है । इसके साथ ही आठ निजी अस्पताल सिटी नर्सिंग होम, अर्पण नर्सिंग होम, जे.एम.हॉस्पिटल, देव नर्सिंग होम, द रिलीफ़ ऑरथ्रोपेडिक सेन्टर, रायबरेली नेत्र चिकित्सालय, श्रीमती सरयू देवी स्मारक ट्रस्ट और चिकित्सालय और डिवाइन्ड हॉस्पिटल एंड एडवांस्ड लैप्रोस्कोपिक सेंटर इस योजना के तहत सूचीबद्ध हैं ।

क्या कहते हैं लाभार्थी
हलोर निवासी राम सुमिरन का कहना है कि दुर्घटना में उनके पैर की हड्डी टूट गई थी | पहले जिस निजी अस्पताल में गए तो 40, 000 का खर्च बताया गया ।

मेरे पास आयुष्मान कार्ड था तो मैं जिले के सूचीबद्ध प्राइवेट नर्सिंग होम में गया जहां मेरा ऑपरेशन हुआ और अब मैं पूरी तरह से स्वस्थ हूं । इस ऑपरेशन में मेरा एक भी रुपया खर्च नहीं हुआ। मैं सभी से कहना चाहता हूँ कि लोग आयुष्मान कार्ड अवश्य बनवाएं जिससे कि इलाज के दौरान उनका पैसा न खर्च हो ।