✍️नरेश सैनी

मुड़िया संतों ने कराया मुंडन, गोवर्धन में आज निकलेगी मुडिया शोभायात्रा

इसी परंपरा से पड़ा है इस आयोजन का मुडिया नाम

 

🟥मथुरा – सात कोस में जनसैलाब उमड़ पडा है। गोवर्धन पर्वत की सप्तकोसीय परिक्रमा में अटूट मानव श्रृंखला नजर आ रही है। अद्भुत, अलौकिक दृश्य हर किसी को रोमांचित कर रहा है। हारमोनियम, मृदंग और झांझ मंजीरा आदि वाद्य यंत्रों की ध्वनि के मध्य मानसी गंगा परिक्रमा को सोमवार को मुडिया संत निकलेंगे जिसे स्थानीय लोग मुडि़या यात्रा कहते। उत्तर भारत के किरोड़ी मेला को मुडिया नाम मिलने की कहानी भी बेहद रोचक है। गुरू पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित होने वाले इस मेला में आने वाले श्रद्धालु गोवर्धन पर्वत की सात कोसी परिक्रमा करते हैं। परिक्रमा में कई मंदिर, कुंड, सरोवर पडते हैं लेकिन मेला का नाम इनमें से किसी से नहीं मिला। हरिनाम संकीर्तन महामंत्र जप के साथ मुंडन कराकर मुडि़या संत तैयार हैं। मुंडन या मूड मुडाने से ही इस आयोजन को मुडिया नाम मिला है। सोमवार को चकलेश्वर के राधा श्याम सुंदर मंदिर से मुंडिया संत वाद्य यंत्रों की धुनों पर नृत्य करते पौराणिक मुडिया शोभायात्रा मानसी गंगा की परिक्रमा को निकलेंगे। मुडि़या पूर्णिमा के उपलक्ष्य में पूज्यपाद सनातन गोस्वामी की याद में गुरु पूर्णिमा की सुबह 10 बजे चकलेश्वर के राधा श्याम सुंदर मंदिर से महंत रामकृष्ण दास महाराज के निर्देशन में वाद्य यंत्रों के साथ भक्ति नृत्य करते हुए शोभायात्रा मानसी गंगा की परिक्रमा लगाते निकाली जाएगी। रविवार को मुडि़या संतों ने सिर मुंडन कराकर वाद्य यंत्र तैयार कर लिए हैं। सनातन की गुरु शिष्य परंपरा अनुसार रामकृष्ण दास प्रातः आठ बजे अनुयायी शिष्यों को गुरु दीक्षा ग्रहण कराएंगे। मुडि़या शोभायात्रा से पहले रविवार को महंत राम कृष्ण दास के निर्देशन में हरेकृष्ण, हरेराम नाम का जप कर मुडि़या संत सिर मुड़ाकर शोभायात्रा के लिए तैयार हैं। मंदिर में दिल्ली हरियाणा, राजस्थान, विहार, मध्य प्रदेश, सहित कई विदेशी भक्त महंत के शिष्य गोवर्धन पहुंच गए हैं। रामकृष्ण दास ने बताया कि महामंत्र जाप के साथ संतों ने मुंडन कराया है। तीन जुलाई की सुबह शिष्यों को गुरु दीक्षा कार्यक्रम आयोजित होंगे, इसके बाद वाद्य यंत्र ढोलक, हारमोनियम, मृदंग, झांझ, मंजीरा की धुनों के साथ हरिनाम संकीर्तन करते हुए 10 बजे मुडि़या यात्रा मानसी गंगा की परिक्रमा के लिए निकाली जाएगी।