*कई पूर्व एसडीएम तहसीलदार थानेदार, पर भी कार्रवाई के निर्देश*

🟥विनय कुमार गुप्ता / मृत्युंजय विशारद की रिपोर्ट

🛑रुद्रपुर तहसील देवरिया। रुद्रपुर तहसील क्षेत्र के फतेहपुर गांव के लेहड़ा टोले पर सोमवार 2 अक्टूबर को हुई 6 लोगो की निर्मम हत्या के मामले में सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ी कार्रवाई, करते हुए वर्तमान एसडीएम, सीओ 2 तहसीलदार, कोतवाल,8 पुलिस कांस्टेबल समेत 15 लोगो को निलंबित कर दिया है। सोमवार तड़के सुबह लेहड़ा टोले पर हुई

 

 

सामूहिक नरसंहार के मामले में कई अधिकारियों पर भी गाज गिरी है। मामले में कई अधिकारियों को स्थानांतरित निलंबित कर अपने आक्रोश को मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया। तीन लेखपाल एक हेड कांस्टेबल चार कांस्टेबल 02 हल्का प्रभारी व 01 थाना प्रभारी निलंबित किए गए हैं। मुख्यमन्त्री द्वारा उपजिलाधिकारी योगेश कुमार गौड़ एवं क्षेत्राधिकारी रुद्रपुर जिलाजीत तथा इनके अलावा हेड कांस्टेबल राजेश प्रताप सिंह, कांस्टेबलअवनीश चौहान, हल्का प्रभारी/ उपनिरीक्षक जय प्रकाश दुबे व प्रभारी निरीक्षक नवीन कुमार सिंह को निलंबित किया गया है।
इसके साथ ही पूर्व में आइजीआरएस के संदर्भों में निस्तारण में लापरवाही के लिये उत्तरदायी पाए जाने पर कांस्टेबल कैलाश पटेल, कांस्टेबल राम प्रताप कन्नौजिया, सुभाष यादव एवं उप निरीक्षरक सुनील कुमार, पूर्व प्रभारी निरीक्षक, रूद्रपुर को निलंबित किया पूर्व में उपजिलाधिकारी रहे राम विलास , ओम प्रकाश, ध्रुव शुक्ला एवं संजीव कुमार उपाध्याय के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही की जाएगी। सेवानिवृत्त तहसीलदार वंशराज राम एवं सेवानिवृत्त राजस्व निरीक्षक रामानन्द पाल के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई शुरू हो गई है। इसके अलावा अभय राज (वर्तमान में निलंबित तहसीलदार) को अतिरिक्त आरोप पत्र जारी किया गया है।तरफ रामाश्रय तत्कालीन तहसीलदार, सम्प्रति तहसीलदार जनपद बलरामपुर को निलंबित करते हुए विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा केशव कुमार तहसीलदार रूद्रपुर को निलंबित करते हुए विभागीय की गई है। तत्कालीन क्षेत्राधिकारी, रूद्रपुर दिनेश कुमार सिंह यादव के भी विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की गई है। इतने बड़े निलंबन की कार्रवाई की बात जिला के प्रशासनिक हलके में हड़कम्प मच गया है। घटना के बाद जनता के बीच वर्तमान तथा पूर्व के कई अधिकारियों कर्मचारियों की भर लापरवाही की चर्चाएं सुनी जाती थी मुख्यमंत्री ने अपने कार्रवाई के पूर्व इस मामले की तह तक जाने की कोशिश करते हुए एक-एक लापरवाहियों पर अधिकारियों पर गाज गिराई है। पूर्व के एसडीएम तहसीलदार और थानेदार से लेकर के हलके के लेखपाल और कानूनगो भी दबंग प्रेमचंद के आगे पैसे के बल पर फैसले दिए और गरीब व्यक्ति को न्याय देने की बजाय उसको गुमराह किया लॉकडाउन के समय 2020 में तत्कालीन एसडीएम और कोतवाल ने न्यायालय के आदेशों की अवहेलना करते हुए गरीब सत्य प्रकाश दुबे की खड़ी फसल को पैसे के बल पर आधीरात को काटने की छूट दे दिया और दबंगई के बल पर प्रेम यादव ने फसल काटकर अपनी रसूख सत्यप्रकाश के परिवार पर दिखता रहा।