नौवागढ़ी दक्षिणी पंचायत के बजरंगबलीनगर गांव का मामला

– अतिक्रमणकारी सच्चिदानंद की बढ़ सकती है मुश्किले है

– सामुदायिक भवन के शौचालय तथा टंकी सहित भवन के कुछ हिस्सों को तोड़कर बना लिया गया है तीन मंजिला मकान

🟥डॉ शशि कांत सुमन

🟠मुंगेर ।सरकारी जमीन सहित सामुदायिक भवन के शौचालय व टंकी तथा भवन के कुछ हिस्सों को तोड़कर अतिक्रमणकारियों द्वारा तीन मंजिला मकान बना लिए जाने के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है। सूत्रों की माने तो राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध संज्ञान लिए जाने से अतिक्रमण कारी सच्चिदानंद पासवान की मुश्किलें बढ़ सकती है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा इस मामले पर मुंगेर जिला प्रशासन से जांच रिपोर्ट मांगी है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के एक्शन के बाद मुंगेर सदर अंचल के सीओं पूजा कुमारी ने अतिक्रमित

 

 

सामुदायिक भवन का स्थलीय जांच किया। जांच के बाद अतिक्रमणकारियों में बैचेनी देखी जा रही है। बताते मुंगेर सदर प्रखंड अंतर्गत नौवागढ़ी दक्षिणी पंचायत के ग्राम बजरंगबली नगर वार्ड संख्या 13 में 26 वर्ष पूर्व लगभग 05 लाख रुपए की राशि से अनुसूचित जाति सामुदायिक भवन का निर्माण प्रखंड कार्यालय से कराया गया था। इधर पिछले 02 वर्ष पूर्व अतिक्रमण कारी सच्चिदानंद पासवान ने आधा कट्ठा जमीन सहित अनुसूचित जाति समुदायिक भवन के शौचालय व टंकी सहित भवन के कुछ हिस्सों को तोड़कर अपना तीन मंजिला मकान बना लिया था। इस मामले को लेकर गांव के ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री, डिप्टी सीएम, भूमि सुधार सुधार मंत्री, डीएम, कमिश्नर सहित कई मंत्री और प्रशासनिक

 

 

 

 

पदाधिकारियों को कई दफे पत्र लिखकर शिकायत दर्ज किया था, लेकिन अंचलाधिकारी सहित अन्य प्रशासनिक पदाधिकारियों द्वारा इस मामले में उदासीनता बरती जा रही थी। प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता के कारण आज तक अतिक्रमण कारी को तीसरा और अंतिम नोटिस जारी नहीं किया जा सका है। ग्रामीण सहित कई सामाजिक संगठनों ने भी भवन को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भी पत्र लिखा था। पत्र पर संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मामले के संदर्भ में सदर अंचल अधिकारी से जांच रिपोर्ट की मांग की है। अंचलाधिकारी पूजा कुमारी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के पत्र के आलोक में सामुदायिक भवन का निरीक्षण किया। उसके अगले दिन उन्होंने नौवागढ़ी मौजा की राजस्व कर्मचारी तथा सरकारी अमीन को भी स्थलीय जांच के लिए भेजा था। प्रशासनिक सूत्रों की माने तो जल्द ही राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को पूरी रिपोर्ट सौंपी जाएगी। इधर कई सामाजिक संगठन, राजनीतिक दल तथा स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि जिस प्रकार से इस मामले में प्रशासनिक पदाधिकारी उदासीन बने हुए हैं, इस मुद्दे को लेकर 29 जनवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समाधान यात्रा के क्रम में मुंगेर आगमन पर प्रशासनिक पदाधिकारियों को उदासीनता तथा अतिक्रमणकारियों को लाभ पहुंचाने के विरुद्ध स्मार पत्र सौंपा जाएगा। प्रबुद्ध नागरिक सहित राजनीतिक दल, ग्रामीण ने बताया कि अतिक्रमणकारियों पर अगर करवाई नहीं हुआ तो पटना हाईकोर्ट में इस मामले को लेकर जनहित याचिका दायर की जाएगी।