🟥 उमानाथ यादव
🟠रायबरेली, 10 फरवरी 2023 |
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का शुभारम्भ मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. वीरेंद्र सिंह ने शुक्रवार को बीएसएफ पब्लिक स्कूल में किया | जिसके तहत उन्होंने स्वयं भी को पेट से कीड़े निकलाने की दवा खाई और बच्चों को भी खिलाई |
इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि पेट से कीड़े निकालने की दवा एल्बेंडाज़ोल के सेवन से कृमि से मुक्ति मिल सकती है | यह दवा साल में अभियान चलकर दो बार खिलाई जाती है | इसका सेवन जरूर करें | इसके सेवन का कोइ दुष्प्रभाव नहीं है |
डा वीरेन्द्र सिंह ने बताया कि इस अभियान के दौरान एक से 19 साल तक की आयु के 9,66,096 बच्चों,किशोर/किशोरियों को यह दवा विद्यालयों और आंगनबाड़ी के माध्यम से खिलाई जाएगी | कृमि मुक्ति दवा के सेवन से परीजीवी कृमियों से बचा जा सकता है | कृमि मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं – हुक वर्म, टैप वर्म और राउंड वर्म | जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी डी एस अस्थाना ने बताया कि कृमि आंतों में रहकर शारीरिक विकास और मानसिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक पौष्टिक तत्वों को अपना आहार बना लेते हैं | जिसकी वजह से बच्चे कुपोषित हो जाते हैं | इसके अलावा गंदे हाथों से खाना खाने या फल सब्जियों को अच्छे से न धुलकर खाने या नंगे पैर घूमने से शरीर में प्रवेश कर जाते हैं | जिससे बच्चा कमजोर हो जाता है | उसका किसी भी काम में मन नहीं लगता है और कभी कभी शरीर में खून की कमी भी हो जाती है |
पेट में कीड़े होने के लक्षण हैं कि भूख कम लगना, जी मिचलाना, उल्टी होना, पेट में दर्द होना, जी घबराना आदि | कभी कभी तो बच्चे पेट में कीड़े होने की वजह से मिट्टी या चाक भी खाने लगते हैं |
इस मौके पर विनय पाण्डे जिला समन्वयक नगरीय स्वास्थ्य उपस्थित रहे |