⭕*संवाददाता अंकित कुमार*

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🟥करहल। रामलीला महोत्सव मे शनिवार को लक्ष्मीनारायण मन्दिर मे सीता हरण की लीला का मंचन हुआ। दिखाया गया कि सोने का मृग देख सीता जी ने उसे पाने की जिद की। भगवान राम ने मृग का पीछा किया। माया रूपी मृग भगवान राम को जंगल की ओर दूर लेकर चला गया।

हाय राम-हाय राम की आवाज सुन सीता जी परेशान हो गईं। कहा कि मेरे राम संकट में हैं। उनकी मदद के लिए लक्ष्मण को भेजा। लक्ष्मण ने जाते समय उन्होंने कुटी के चारों ओर तीर से रेखा खींच दी और माता सीता से उसके पार न जाने को कहा। लक्ष्मण के जाते ही रावण ब्राह्मण का वेश में पहुंचा और भिक्षा के बहाने उनका हरण कर लिया।

राम व लक्ष्मण सीता की खोज में वन-वन भटकते व विलाप करते किष्किधा पर्वत पहुंचे। यहां भगवान राम व हनुमान जी की पहली मुलाकात हुई। दोनों का मिलाप देख दर्शक भावुक हो गए। हनुमान जी भगवान राम को सुग्रीव से मिलाएं। राम की मित्रता सुग्रीव से हुई। सुग्रीव ने अपनी सारी समस्या भगवान राम से बताया।

इसके बाद बाली व सुग्रीव का युद्ध हुआ। भगवान राम ने बाली का वध कर दिया।
इस अवसर पर रामलीला महोत्सव समिति के सचिव नितिन चतुर्वेदी, अध्यक्ष बलराम दुबे, कोषाध्यक्ष पंकज चतुर्वेदी, उपाध्यक्ष सुभाष यादव उप सचिव लाल सिंह वर्मा, अमर सिंह यादव समेत तमाम लोग मौजूद रहे।