*शिक्षा ही समाज व देश का भविष्य निर्धारित करती है : नोमान अहमद सी.ए.*
*शिक्षा के साथ ही अच्छे संस्कार और स्वभाव ज़रूरी: मौलाना आमिर रशादी*

✍️रिपोर्टर, अब्दुर्रहीम शेख़।

🟥आजमगढ़ दिनांक 19 फरवरी 2023 को रशाद मोरल स्कूल आजमगढ़ में वार्षिक उत्सव का आयोजन किया गया इस फंक्शन में सभी सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये गये जिसमें बच्चों ने भाषण, नात, कविता, निबंध, नाटक और एक्शन गीत प्रस्तुत किये। अपने देश के जीवन, संस्कृति और जीवन शैली को व्यवहार में दिखाया। कार्यक्रम में नर्सरी कक्षा के मासूम बच्चों ने हमारे देश के विभिन्न प्रांतों की जीवन शैली और कपड़ों को अपनाया और प्रदर्शित किया कि हमारे देश में कितनी सभ्यताएं और किस तरह के लोग रहते हैं तो वहीं कक्षा 4/5/6 के बच्चों ने आर्मी जवानों के जीवन और बलिदान पर नाट्य प्रस्तुत कर जनमानस में देशभक्ति का सार भर दिया। पिता का संघर्ष, माँ का दर्जा और बेटी ज़हमत नही रहमत है, मोबाइल फोन की लत आदि जैसे सामाजिक मुद्दों पर नाटक कर लोगों के दिल को छुआ और समाज को एक संदेश भी दिया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता मौलाना आमिर रशदी ने की तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में जावेद अहमद फारूकी, नोमान अहमद सीए व डॉ. मौलाना नईम सिद्दीकी उपस्थित रहे. जावेद अहमद फारूकी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा आदमी को इंसान बनाती है और समाज में उसकी एक अलग पहचान बनाती है। किसी स्कूल की बिल्डिंग और दिखावे से उसे अच्छा या बुरा नहीं माना जा सकता है, बल्कि शिक्षा और प्रशिक्षण की गुणवत्ता से अच्छे और बुरे स्कूलों की पहचान की जाती है। मैं आजमगढ़ के एक ग्रामीण स्कूल से पढ़कर आज अमेरिका तक का सफर तय किया हूं, इसलिए जरूरी है कि हम अपने घर में ऐसा माहौल बनाएं कि बच्चे अच्छी शिक्षा की ओर जाएं क्योंकि मां की गोद ही बच्चों की पहली पाठशाला

होती है। नोमान अहमद सी.ए. साहिब ने कहा कि शिक्षा ही समाज और राष्ट्र का भविष्य निर्धारित करती है। शिक्षित समाज ही समय के साथ आगे बढ़ता है और रशाद मॉरल स्कूल और जमियातुर रशाद वर्षों से समाज को शिक्षित कर रहे हैं और आज इस कार्यक्रम में बच्चों की बहुमुखी क्षमता, उनका टैलेंट और उपदेश संवाद देखकर मुझे लगा कि यहां के बच्चे दीन और दुनिया दोनों में सफलता की ओर बढ़ रहे है और यह समय शिक्षा के हर क्षेत्र में समाज को आगे बढ़ने का है। मौलाना आमिर रशादी साहब ने अपने बयान में बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए उन्हें शिक्षा के साथ-साथ अच्छे संस्कार और तरबियत पर मेहनत करने की नसीहत दी और कहा कि अगर किसी व्यक्ति में शिक्षा से विनम्रता, पवित्रता और सेवा भाव पैदा नहीं होता है, तो ऐसी शिक्षा किसी काम की नही है। उन्होंने माता-पिता और उपस्थित लोगों से कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि हम अपने बच्चों की दुनिया के साथ-साथ उनकी आख़िरत की भी चिंता करें और रशाद मॉरल स्कूल का यही उद्देश्य है कि बच्चों को सबसे पहले एक अच्छा इंसान और एक अच्छा भारतीय बनाना है।

अंत में रशाद मॉरल स्कूल के प्रबंधक तलहा रशादी ने बच्चों के प्रदर्शन की सराहना की और माता-पिता और शिक्षकों को उनकी भागीदारी और कार्यक्रम को सुंदर बनाने के लिए धन्यवाद दिया।