– मुंशी प्रेमचंद्र एवं मोहम्मद रफी को कलाकारों ने दी श्रद्धांजलि

✍️डॉ शशि कांत सुमन

🔴मुंगेर। हुई शाम उनका ख्याल आ गया ” की तर्ज पर बीती रात जानिसा आर्ट एंड फिल्म स्टूडियो, जमालपुर में हिंदी साहित्य जगत के सुविख्यात कलमकार मुंशी प्रेमचंद की 142वीं जयंती और मखमली और दिलकश आवाज़ के मालिक मरहूम मोहम्मद रफी साहब की 42वीं पुण्यतिथि समारोह पूर्वक मनाई गई। इस अवसर पर जानिसा म्यूज़िकल ग्रुप के कलाकारों ने रफ़ी साहब के गाए कई यादगार गीतों की प्रस्तुति दी तो हिंदी साहित्य जगत के नामचीन कथाकार उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद जी की कृतियों पर चर्चा की गई। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि इंस्पेक्टर कृपा सागर, विशिष्ट अतिथि पूर्व लायंस क्लब अध्यक्ष रंजीत प्रसाद, पटेल सेवा संघ के अध्यक्ष आरके मंडल, निदेशक मोहम्मद इशा चंचल,प्राचार्या मंजू यदुवंशी,अभिनेता तथा समाजसेवी प्रकाश सिंह बादल संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया गया।इस अवसर पर साहित्य कार नाटककार ने अपने उद्गार प्रकट करते हुए कहा कि 31जुलाई दो शख्शियत की तारीख बनकर रह गई है। इसी तारीख को मुंशी प्रेमचंद जी जैसा कथाकार इस धरती पर आए और इसी तारीख मो रफ़ी साहब जैसा कोहिनूर जमींदोज़ हुए। हमें हर साल इन दो सितारों की याद आती है। जो तासीर इन दोनों में रही है ऐसा फिर कोई नहीं आने वाला। कार्यक्रम में कुछ नये कलाकारों में अमित ने ‘पुकारता चला हूं मैं…’ युवा कलाकार यश ने “पत्थर के सनम… सीनियर मोस्ट कलाकार बर्मन दा ने “सुहानी रात ढल चुकी…वो तेरे प्यार का ग़म….अभिषेक ने दिल के झरोखे में तुझको बिठाकर…डा सुमन रज़ा ने “छलकाए जाम आईए आपके नाम… “चुरा लिया है तुमने जो..ये दिल तुम बिन कहीं..” तू इस तरह से मेरी… राजकुमार मंडल ने ” जाने चले जाते हैं कहां…गायक हिमांशु ने ” धीरे चल जरा….” एन के मुन्ना ने ” परदा है परदा…..”, लखीसराय से आए उद्घोषक मनोज मेहता ने “एक दिन तू मेरी रानी बनेगी…कृपा सागर ने “वो जब याद आए बहुत याद…”, ” खुदा भी आसमां से….” पूजा राज के साथ “छुप गए सारे नजारे…”, “कोयल बोली दुनियां डोली…” नोबुल दा ने ” जिंदगी कैसी है पहेली हाय.. के अलावे मोहम्मद इम्तियाज, मोहम्मद कैफ, प्रमोद पासवान आदि ने सदाबहार गीतों की प्रस्तुति दिए।उद्घोषक महेश ‘अनजाना’ और युवा उद्घोषक मनोज मेहता ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में आर्गन प्ले एन के मुन्ना,ढोलक पर धर्मेश, पंकज, नाल पर सुनील,पैड प्ले अमित ने संगीत का खूबसूरती से संयोजन कर चार चांद लगा दिया। व्यवस्था में लक्ष्मी कुमारी, जयश्री, पप्पू मंडल, राजीव रंजन, नवीन कुमार वर्मा, पामूल सिंह, रविश कुमार, आस्था, मो इब्राहिम उर्फ गुलाब,सोनी, यास्मीन, श्रीमती बर्मन दा, मुन्ना साउंड, लियाकत अली उर्फ मुन्ना का योगदान सराहनीय रहा।