अब्दुल गफ्फार खान की रिपोर्ट
गोरखपुर( ब्रह्मपुर)
शिक्षक, विद्यार्थी और पाठ्यक्रम तीनों के बेहतर समन्वय से एक अच्छा अध्यापक बना जा सकता है।शिक्षक निर्माणकर्ता होता है। वह जन्मजात नहीं होता।
उपरोक्त आशय का विचार क्षेत्र के स्व. राम रहस्य महाविद्यालय सिंहपुर में शिक्षा संकाय द्वारा आयोजित बीएड प्रथम वर्ष के नव प्रवेशित छात्र-छात्राओं के स्वागत समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे रामजी सहाय पीजी कॉलेज रुद्रपुर के प्राचार्य डॉ.बृजेश पांडेय ने व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि बीएड करने के दौरान जो कौशल सिखाए जाते हैं। वह काफी महत्वपूर्ण होते हैं। उनका हमारे जीवन में काफी महत्व होता है।उन्होंने कहा कि शिक्षक को अपना कार्य पूरी ईमानदारी से करना चाहिए। शिक्षक से न सिर्फ विद्यार्थी बल्कि समाज भी काफी उम्मीद करता है। डॉ.पांडेय ने कहा कि सीखने के लिए जिज्ञासा का होना बेहद जरूरी है।उन्होंने कहा कि लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कठिन संघर्ष करना होता है। अच्छा और योग्य शिक्षक बनने के लिए सबसे जरूरी है कि छात्र अध्यापक और छात्र अध्यापिकाएं समय का प्रबंधन करना सीखें। क्योंकि एक योग्य और कुशल शिक्षक ही समाज को आगे ले जा सकता है इसलिए शिक्षक का प्रशिक्षित होना बहुत ही आवश्यक है।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्रबंधक गिरीश राज त्रिपाठी ने कहा कि सभी छात्र अपने जीवन में सफल बनें और महाविद्यालय से शिक्षण प्रशिक्षण प्राप्त करके अपने अंदर अध्यापक के नए-नए कौशलों का विकास करें। उन्होंने कहा कि शिक्षक बनने के लिए अनुशासित छात्र का होना बहुत जरूरी होता है ।बिना अनुशासन के हम अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकते।
अतिथियों का स्वागत एवं आभार ज्ञापन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.अरविंद कुमार श्रीवास्तव ने किया।
स्वागत समारोह का संचालन बीएड विभाग के सह प्राध्यापक चक्रपाणि ओझा ने किया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से उपप्राचार्य डॉ.अभय त्रिपाठी, बीएड विभाग के प्रभारी अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार मिश्रा, वीरेंद्र कुमार यादव,उमेश कुमार यादव श्रीमती रजनी सिंह,आदित्य भाष्कर, रविंदर यादव, कविता सिंह, विशाल त्रिपाठी, के अलावा बीएन मिश्रा, सुशील तिवारी, मनोज प्रजापति, रामबचन दुबे,गोरख, राजू पाल, जितेंद्र तिवारी, विजय समेत विवेकानंद यादव,रोशनी त्रिपाठी, दिव्या सिंह,सुनीता सिंह, ऋषभ यादव ,अजीत मणि त्रिपाठी,नरेंद्र सिंह, धनंजय निषाद,विशेष मणि समेत अनेक छात्राध्यापक एवं
छात्राध्यापिकाएं उपस्थित थे।