⭕संत कबीर नगर जब भारत का संविधान लिखा गया उस समय भारत की कुल आबादी 34 करोड़ थी। तब संविधान के अनुच्छेद 44 में यह व्यवस्था दी गयी थी कि देशवासियों की सहमति से पूरे देश में एक कानून लागू होना चाहिए। लेकिन आज भारत की आबादी बढ़ कर 140 करोड़ हो गयी है। जिनका अलग अलग धर्म, अलग अलग संप्रदाय ,अलग अलग भाषा ,अलग अलग खान पान ,अलग अलग रश्मो रिवाज ,व अलग अलग पहनावा है। ऐसी दशा में भारत में यू° सी° सी° लागू करना बहुत आसान काम नही है।
उक्त विचार सपा के वरिष्ठ नेता एवं जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष आफताब आलम खाँ ने महुली स्थित अपने जनसंपर्क कार्यालय पर एक प्रेसवार्ता के दौरान व्यक्त किया।
श्री खाँ ने आगे कहा कि बढ़ती हुई महगाई, लचर एवं धवष्त कानून वेवस्था बेरोजगारी, जाति व संपर्दायिक भाजपा की राजनीति को जनता बखूबी समझ चुकी है तथा वक़्त के इंतज़ार मे बैठी हुई है आने वाले विधानसभा व लोकसभा चुनाव में जनता उन्हे सत्ता से उठा कर नीचे फेकने का काम करेगी। अपनी खोयी हुई लोकप्रीता व लुटे पिटे जनआधार की जानकारी भाजपा खो चुकी है। ऐसी दशा में यह दिखा करके की अल्पसंख्यको व उनको धर्म के विरोध में यू° सी° सी° लागू कर रहे हैं जिससे बहुसंख्यक वोटों का धुर्विकरण हो जाए । परंतु यू° सी° सी° अल्पसंख्यको से जादा बहुसंख्यको के विराेध में है इसिलिए यू° सी° सी° लाकर भाजपा अपने बची खुची लोकप्रीता बचे खुचे वोटों व बचे खुचे जनाधार से हाथ धो लेगी।