🟥जयनगर, मधुबनी (बिहार)

*यह युद्ध नहीं बुद्ध की धरती है – डॉ सुरेश सिंह शौर्य प्रियदर्शी*

*काशी से काबा तक बुद्ध को हमने खोजा है – डॉ शैलेश सिंह शौर्य*

*मुझको गंगा कहने वालो, गंगा नहीं बनूंगी मैं – राम रतन श्रीवास ‘राधे राधे’*

आज *पी. आई. यू. ट्रस्ट (रजि.)* के तत्वाधान में भारत सेवा रत्न’ सम्मानित डॉ. सुरेश सिंह शौर्य “प्रियदर्शी” जी के नेतृत्व में *बुद्ध अंतर्राष्ट्रीय साहित्य महोत्सव* का आयोजन *आभासी पटल पर* दिनांक 16 अप्रैल, 2023 (रविवार) को *अपराहन् 03:00 से 06:00 बजे* तक किया गया।
समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय बलिया, उत्तर प्रदेश के सहायक प्रोफेसर *डॉ. अवनीश कुमार यादव* ने बुद्ध की प्रासंगिकता को कविता के माध्यम से रेखांकित किया।
अति विशिष्ट अतिथि तिलक महाविद्यालय, औरैया, उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ शिक्षाविद् *डॉ० सियाराम जी* ने राष्ट्र के नाम *बुद्ध का संदेश* समर्पित किया।
मिथिलांचल से *डॉ० शैलेश सिंह शौर्य* ने *काशी से काबा तक बुद्ध को मैने खोजा है।।*
द्वेष से लेकर करुणा तक,
पिस्टल से प्रेम तक,
आनंद से अंगुलिमाल तक,
क्षात्र धर्म के नाते बुद्ध को मैंने खोजा है।। शीर्षक काव्य पाठ कर पटल को आध्यात्मिक स्वरूप दिया।
संस्थापक *डॉ० सुरेश सिंह शौर्य प्रियदर्शी* जी ने चंद लाइनें कश्मीर को समर्पित करते हुए कहा कि, *यह युद्ध नहीं बुद्ध की धरती* है। शानदार प्रस्तुति से राष्ट्रभक्ति की अलख जगाई।
जिसकी अध्यक्षता करते हुए प्रख्यात कवि *श्री राम रतन श्रीवास *’राधे राधे’* जी ने मां गंगा की पीड़ा को व्यक्त करते हुए कहा कि, मुझको गंगा कहने वालो, गंगा नहीं बनूंगी मैं।।
भले बना दो बोझिल नदियां,
अपनी धार बहुंगी मैं।।
श्री निवास जी ने कार्यक्रम के समापन की औपचारिक घोषणा से पूर्व सभी कलमकारों से 5 मई 2023 को बोधगया में आयोजित बुद्ध अंतर्राष्ट्रीय साहित्य महोत्सव में शरीक होने का आवाह्न किया, जिसमें साहित्यिक विकास हेतू विश्वविद्यालय निर्माण और जन आंदोलन की शुरूवात होगी।
उक्त समारोह का संचालन *ऊर्जावान कवियत्री संध्या जी* और डी बी कॉलेज जयनगर के युवा शिक्षाविद् *डॉ शैलेश सिंह शौर्य* ने संयुक्त रूप से किया।
इस दौरान मुख्य रूप से वरिष्ठ कवि एवं साहित्यकार, राष्ट्रीय मार्गदर्शक श्री अशोक गोयल पिलखुवा, प्रख्यात कवि संध्या श्रीवास्तव जी, हैदराबाद से वाणी जी, युवा कवि ऋषभ जी, रमाशंकर जी, हेमलता शर्मा जी, चंदन जी, सुनंदा गवांडे, राजेश कुमार जी, विनोद मोदी जी सहित दर्जनों कलमकारों ने अपनी रचनाओं की शानदार प्रस्तुति से समां बाधे रखा।