✍️रिपोर्ट राजन शुक्ला बहराइच

🟥बहराइच। मेडिकल कॉलेज मरीज से खचाखच भरा है। विभिन्न रोगों से ग्रस्त काफी संख्या में रोगी अपना इलाज करा रहे हैं। ऐसे में बढ़ रही रोगियों की संख्या से मेडिकल कॉलेज प्रशासन हलकान है। इलाज कराने गए रोगियों को बेड तक नहीं मिलता। चिकित्सक रोगियों का इलाज फर्श पर लिटा कर कर रहे हैं। सीएमएस का कहना है कि एक बेड पर दो रोगी नहीं रह सकते। जरुरत होने पर रोगियों को लखनऊ मेडिकल कॉलेज रेफर करना उनकी विवसता है।
जिला अस्पताल को कुछ साल पहले मेडिकल कॉलेज से संबद्ध कर दिया गया था। जिसके बाद बेड की क्षमता बढ़ाकर 500 कर दी गई। इस अस्पताल में जनपद श्रावस्ती और बलरामपुर के रोगी भी अपना इलाज कराने आते हैं। विभिन्न रोगों से ग्रस्त रोगियों को इलाज के लिए चिकित्सकों की ओर से उन्हें भर्ती करना पड़ता है। रोगी कई दिनों तक भर्ती होकर इलाज कराते हैं। इन दिनों अधिकतर लोग डायरिया बुखार व अन्य बीमारियों से ग्रसित होकर इलाज कराने के लिए मेडिकल कॉलेज पहुंच रहे हैं। जिस कारण मेडिकल कॉलेज में बेड का आभाव बना है। चिकित्सक कभी-कभी तो रोगियों के संख्या बढ़ने पर उनका इलाज स्ट्रेचर या फिर फर्श पर ही करने लगते हैं।गुरुवार की रात विकासखंड फखरपुर के ग्राम अमवा ततारपुर निवासी पुष्पा देवी पत्नी निरंकार को डायरिया से पीड़ित होने पर उनका बेटा अखिलेश कुमार इलाज के लिए लेकर जिला अस्पताल संबद्ध मेडिकल कॉलेज आया था। चिकित्सकों ने रोगी के बेटे की विनती के बाद फर्श पर ही महिला का इलाज शुरू कर दिया। काफी समय तक इलाज चला लेकिन चिकित्सालय प्रशासन बेड मुहैया नहीं करा सका।
इस संबंध में एक समाज सेवी ने चिकित्सकों से बेड उपलब्ध कराने की बात कही। फिर भी रोगी को बेड नहीं मिल सका, जिस पर मुख्य चिकित्साधिकारी से बात की तो उन्होंने भी हाथ खड़े कर दिए और कहा कि मेडिकल कॉलेज 500 बेड उपलब्ध है, अधिक रोगी होने पर मेडिकल कॉलेज लखनऊ रिफर करना उनकी विवसता है। इतना ही नहीं मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने समाजसेवी से कहा कि सुबह कार्यालय आकर अपने सुझाव दीजिए कि रोगियों का इलाज बेड के आभाव में कैसे किया जाए।