🔴आज़मगढ़: राष्ट्रीय ओलमा कौंसिल ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव के आज़मगढ़ जेल में जाकर सपा विधायक रमाकांत यादव से मुलाक़ात पर सख्त एतराज़ जताया है। पार्टी प्रवक्ता एडवोकेट तलहा रशादी ने प्रेस को जारी वीडियो बयान में सवाल किया कि, “यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री व आज़मगढ़ के पूर्व सांसद श्री अखिलेश यादव जेल में बंद हत्या के आरोपी व शराब माफियाओं के संरक्षक माफिया विधायक से मिलने तो पहुंच जाते हैं पर किसी मुस्लिम विधायक, सपा के मुस्लिम कार्यकर्ताओं से मिलने जेल नही पहुंच पाते हैं। उन्होंने पूछा कि अखिलेश यादव ढाई साल तक जेल में बंद प्रदेश के बड़े नेता आज़म खान से नही मिल पाते, न ही बरेली के अपने मुस्लिम विधायक शहजिल इस्लाम जिनकी संपत्ति पे भाजपा सरकार ने बुलडोज़र से चला दिया उनसे मिलने जा पाते हैं और न ही अपने आज़मगढ़ के संसदीय कार्यकाल में बिलरियागंज में CAA आंदोलन के दौरान पुलिस की लाठीचार्ज में घायल मुस्लिम महिलाओं, जेल में बंद मुस्लिम नौजवानों/बुजुर्गों से मिलने पहुंच पाते हैं।

आखिर अखिलेश जी को मुसलमानों से इतना परहेज़ क्यों है? उत्तरप्रदेश की अवाम और खास तौर से यूपी का मुसलमान ये देख रहा है और इसे याद रखेगा। आज़मगढ़ के बाई इलेक्शन में उसने अपनी नाराजगी का एहसास भर कराया है और अगर सपा मुसलमानों से ऐसे ही परहेज़ करेगी तो याद रहे कि आने वाले 2024 के इलेक्शन में यूपी का मुसलमान भी समाजवादी पार्टी से परहेज़ करने लगेगा।