🟥दरभंगा
*मारवाड़ी महाविद्यालय, दरभंगा के समाजशास्त्र एवं संस्कृत विभाग के तत्वावधान में 12 अप्रैल को होगा निःशुल्क सेमिनार*

*’सांस्कृतिक पुनरुत्थान में आधुनिक भारतीय विचारकों का योगदान’ विषयक सेमिनार में भाग लेंगे शिक्षक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी*

*सेमिनार में डा दिलीप कुमार, डा फुलो पासवान, प्रो शाहिद हसन, प्रो गोपी रमण प्रसाद सिंह व डा आर एन चौरसिया रखेंगे विचार*

*सेमिनार में सहभागिता के इच्छुक प्रतिभागी किसी भी कार्य दिवस में समाजशास्त्र या संस्कृत विभाग में पंजीयन करायें*

मारवाड़ी महाविद्यालय, दरभंगा के समाजशास्त्र एवं संस्कृत विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आगामी 12 अप्रैल, 2022 को ‘सांस्कृतिक पुनरुत्थान में आधुनिक भारतीय विचारकों का योगदान’ विषयक एक दिवसीय निःशुल्क सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है। सेमिनार के सफल आयोजन एवं उसकी रूपरेखा आदि की तैयारी के उद्देश्य से प्रधानाचार्य डा दिलीप कुमार की अध्यक्षता में आयोजन समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें समाजशास्त्र विभागाध्यक्ष डा सुनीता कुमारी, संस्कृत विभागाध्यक्ष डा विकास सिंह, अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डा कन्हैया जी झा, बर्सर डा अवधेश प्रसाद यादव, सी एम कॉलेज के संस्कृत विभागाध्यक्ष डा आर एन चौरसिया,भौतिक विभागाध्यक्ष डा अमित कुमार सिंह, हिन्दी विभागाध्यक्ष डा अनिरुद्ध सिंह, वनस्पति विज्ञान विभागाध्यक्ष डा अंकित कुमार सिंह, समाजशास्त्र के प्राध्यापक डा श्यामानंद चौधरी तथा संस्कृत के शोधार्थी बालकृष्ण कुमार सिंह आदि शामिल हुए।
बैठक में तय किया गया कि प्रधानाचार्य डा दिलीप कुमार की अध्यक्षता में आयोजित सेमिनार का उद्घाटन सी एम कॉलेज के प्रधानाचार्य डा फुलो पासवान करेंगे, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय समाजशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो शाहिद हसन, सम्मानित अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय के पूर्व मानविकी संकायाध्यक्ष प्रो गोपी रमण प्रसाद सिंह, विशिष्ट अतिथि के रूप में सी एम कॉलेज के संस्कृत विभागाध्यक्ष डा आर एन चौरसिया अपने विचार व्यक्त करेंगे। वहीं बीज वक्तव्य एमआरएम कॉलेज, दरभंगा की समाजशास्त्र प्राध्यापिका डा पुतुल सिंह और स्वागत वक्तव्य बर्सर डा अवधेश प्रसाद यादव प्रदान करेंगे।
सेमिनार की संयोजिका डा सुनीता कुमारी ने बताया कि इस सेमिनार में समाजशास्त्र एवं संस्कृत के विद्वान, शिक्षक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी भाग ले सकेंगे। निःशुल्क रजिस्ट्रेशन एवं सहभागिता के उपरांत सभी प्रतिभागिओं, वक्ताओं एवं अतिथियों को प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा। इच्छुक व्यक्ति किसी भी कार्य दिवस में महाविद्यालय के समाजशास्त्र या संस्कृत विभाग में आकार अपना पंजीयन करा सकते हैं। अथवा सीधे सेमिनार में आकर निःशुल्क ऑनस्पॉट पंजीयन भी करा सकते हैं।
सेमिनार के समन्वयक डा विकास सिंह ने कहा कि 12 अप्रैल को सेमिनार का उद्घाटन पूर्वाह्न 10:00 बजे होगा, जबकि 12:00 बजे से विद्वत चर्चा (तकनीकी) सत्र प्रारंभ होगा। सेमिनार में पढ़े गए स्तरीय आलेखों को आईएसबीएन नंबर युक्त राष्ट्र स्तरीय प्रकाशन से प्रकाशित किया जाएगा। सेमिनार में स्वामी विवेकानंद, दयानंद सरस्वती, ईश्वरचंद्र विद्यासागर, राजा राममोहन राय, डॉक्टर अंबेडकर, महात्मा गांधी, राधाकृष्णन, रवीन्द्रनाथ टैगोर, राम मनोहर लोहिया, जगदीश कश्यप, जयप्रकाश नारायण, ज्योति बा फुले, सावित्री बाई, मोहम्मद इकबाल, भदंत आनंद व राहुल संस्कृतायन जैसे विचारकों के व्यक्तित्व एवं सांस्कृतिक पुनरुत्थान में उनके योगदान पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।